अंतरराष्ट्रीय योग दिवस : कोरोना के बाद दोगुना बढ़े योग प्रशिक्षक

महामारी ने लोगों को सेहत के प्रति जागरूक रहना सिखाया, अब योग से कर रहे बीमारियों का नियंत्रण

इंदौर। कोरोना महामारी ने लोगों को सेहत के प्रति जागरूक रहना सिखाया तो शहर में योग करियर की नई राह बन गया। अंदाज इसी से लगा सकते हैं कि कोविड के बाद योग प्रशिक्षक जहां 500 बढ़ चुके, वहीं योग में डिप्लोमा, डिग्री करने वाले स्टूडेंट की संख्या भी 25 फीसदी बढ़ चुकी है। शहर के करीब 100 बड़े योग केंद्रों पर हर दिन करीब 5 हजार लोग योग सीख रहे हैं। इनमें 10 साल के बच्चों से लेकर 80 वर्षीय बुजुर्ग तक शामिल हैं। कोविड से पहले 50 से 60 योग केंद्र पर हर दिन करीब 3000 लोग योग सीखने पहुंच रहे थे।
योग के डिप्लोमा और डिग्री कोर्स में अब सीटें फुल होने लगी, वेटिंग बढ़ने लगी यूनिवर्सिटी के स्कूल ऑफ योग के विभागाध्यक्ष डॉ. शिवशंकर शर्मा बताते हैं विभाग में डिप्लोमा और डिग्री कोर्स को मिलाकर 350 सीटें हैं, जो फुल है। वहीं चोइथराम कॉलेज ऑफ प्रोफेशनल स्टडीज के एग्जीक्यूटिव ट्रस्टी अश्विनी वर्मा कहते हैं हमारे विभाग में 80 सीटें हैं। ये सभी फुल होने के बाद अब वेटिंग है। कोविड के बाद स्टूडेंट की संख्या 25 फीसदी बढ़ चुकी है। आरोग्य भारती संस्था से जुड़े योग विशारद पंकज गुप्ता कहते हैं इन दिनों एक हजार योग प्रशिक्षक विभिन्न संस्थाओं से जुड़कर या प्राइवेट क्लासेज में योग सिखा रहे हैं। एक क्लास के लिए योग प्रशिक्षक 6 हजार से लेकर 10 हजार रुपए प्रति घंटा चार्ज करते हैं।

शहर से विदेशों तक चल रही योग की ऑनलाइन क्लासेस

योग ट्रेनर ऑनलाइन क्लास भी लेते हैं। इन क्लासेस में शहर के अलावा दिल्ली, मुंबई, अहमदाबाद, दुबई, कनाडा और अमेरिका तक के लोग शामिल होते हैं। योग टेम्पल संस्था के डायरेक्टर मनोज गर्ग कहते हैं कि किफायती और सुविधाजनक होने के कारण लोग ऑनलाइन योग क्लास लेना पसंद कर रहे हैं।