दैनिक अवंतिका उज्जैन।
उज्जैन में वैशाख शुक्ल चतुर्दशी पर रविवार को नृसिंह जन्मोत्सव मनाया गया। सुबह मंदिरों में भगवान का अभिषेक-पूजन किया गया तो शाम को शोभायात्रा निकाली गई। शिप्रा के नृसिंह घाट से लेकर सराफा बाजार में श्री लक्ष्मी नृसिंह मंदिर तक उत्सव की हुए। मंदिरों में भगवान नृसिंह के दर्शन के लिए हजारों लोग उमड़े।
सराफा स्थित मंदिर में सुबह 7 बजे प्रातः कालीन आरती के बाद भगवान का दुग्धधारा से अभिषेक कर श्रृंगार किया गया। मंदिर प्रांगण में भगवान की प्राकट्य कथा की गई। दोपहर 12 बजे महाआरती कर प्रसाद वितरित किया गया। शाम को गोधूलि बेला में नृसिंह की शोभायात्रा निकाली गई। यात्रा छोटा सराफा, खड़े हनुमान मंदिर होकर वापस मंदिर पहुंची।
शिप्रा तट पर पंचमेवे का
भोग लगाकर की महाआरती
शिप्रा के तट पर प्राचीन नृसिंह घाट पर नृसिंह मंदिर में सुबह से धार्मिक आयोजन हुए। यहां मंदिर की दीवार पर भगवान नृसिंह के वामन स्वरूप की प्राचीन प्रतिमा स्थापित है। मंदिर के पुजारी ने बताया सुबह पूजन, अभिषेक और श्रृंगार किया गया। दोपहर में आरती और प्रसाद वितरण के बाद, शाम को पंचमेवे का भोग लगाकर महाआरती की गई। सुबह से रात तक यहां भक्तों का दर्शन के लिए तांता लगा रहा।
भक्त प्रहलाद को बचाने खंभ
से प्रकट हुए थे भगवान नृसिंह
भगवान विष्णु ने भक्त प्रह्लाद को असुरों से बचाने के लिए नृसिंह अवतार लिया था। भगवान नृसिंह खंभ में से प्रकट हुए थे। आधा शरीर नर स आधा सिंह का होने से उनका नाम नृसिंह पड़ा। उज्जैन में लखेरवाड़ी, पीपलीनाका सहित अन्य जगहों पर स्थित नृसिंह मंदिरों में भी उत्सव मनाए गए।
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