सिंहस्थ 2028 में स्नान को लेकर पुजारी व संत आमने-सामने हुए – पुजारी की मांग अखाड़ों के स्नान अलग-अलग घाटों पर कराए जाएं – स्थानीय अखाड़ा परिषद अध्यक्ष बोले – रामघाट पर स्नान की परंपरा

दैनिक अवंतिका उज्जैन। 

प्रयाग महाकुंभ में करोड़ों श्रद्धालुओं के पहुंचने से मची भगदड़ के बाद अब उज्जैन में नहान की व्यवस्था को लेकर सवाल उठने लगे हैं। इसे लेकर अखिल भारतीय पुजारी महासंघ के अध्यक्ष महेश पुजारी ने कहा कि सिंहस्थ में साधु-संत व महामंडलेश्वरों को अलग-अलग घाटों पर अमृत स्नान कराया जाए। जिससे की भीड़ प्रबंधन किया जा सके। 

उज्जैन के सिंहस्थ में बड़नगर रोड की ओर शेव सम्प्रदाय व मंगलनाथ क्षेत्र में वैष्णव सम्प्रदाय के साधु-संतों का डेरा होता है। इसलिए वैष्णव के संतों को मंगलनाथ मंदिर के पास बने घाट या फिर सिद्धवट घाट पर स्नान करवाया जाए। वहीं शेव सम्प्रदाय से जुड़े साधु-संतों को दत्त अखाड़े और अन्य घाटों पर स्नान करवाए। इसे लेकर स्थानीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत डॉ. रामेश्वर दास महाराज ने कहा कि साधु-संतों से भगदड़ निर्मित नहीं होती है। जो परम्परा है उसी के हिसाब से संत स्नान करेंगे। घाटों तक पहुंचने के लिए अनेक रास्ते है। इन रास्तों से आने वाले श्रद्धालुओं को उसी रास्ते में पड़ने वाले पास के घाटों पर स्नान के बाद उन्हें अपने शहर की ओर लौटा देना चाहिए। ताकि रामघाट पर भीड़ जमा नहीं हो पाए।

 

Author: Dainik Awantika