दैनिक अवंतिका उज्जैन। महाशिवरात्रि पर्व से पहले इस बार मकर राशि के चद्रमा एवं उत्तराषाढ़ा नक्षत्र के साथ भौम प्रदोष का खास संयोग बन रहा है। इस दिन प्रदोष काल में सूर्यास्त के समय 24 मिनट पूजा कई गुना फलदायी होगी। भौम प्रदोष पर मंगल दोष निवारण हेतु पूजा के लिए उज्जैन में हजारों लोग उमड़ते हैं।
उज्जैन के ज्योतिषाचार्य पंडित अमर डब्बावाला ने बताया कि इस रोज संध्या काल में बुध ग्रह का उदय पश्चिम दिशा में हो रहा है। यह व्यापार के लिए शुभ माना जाता है। नवग्रहों के अधिष्ठाता भगवान शिव हैं। शिव कृपा से नवग्रहों को ऊर्जा मिलती है। भौम प्रदोष पर भूमि, भवन, संपत्ति और वाहन प्राप्ति के लिए विशेष पूजन करने का विधान है। प्रदोष काल में अभिषेक से ग्रहों की अनुकूलता बढ़ती है। इससे जीवन की बाधाएं दूर होती हैं। इस दिन का व्रत ग्रह दोष निवारण के लिए विशेष फलदायी माना जाता है।
उज्जैन के प्रसिद्ध मंगलनाथ और
अंगारेश्वर में होती है भात पूजा
उज्जैन को मंगल ग्रह की भूमि माना जाता है। मंगल ग्रह नवग्रहों में पराक्रम, प्रतिष्ठा, भूमि, भवन, संपत्ति और वाहन प्राप्ति का कारक है। विवाह में आ रही बाधाओं और मंगल दोष निवारण के लिए मंगलनाथ तथा अंगारेश्वर मंदिर में भात पूजा की जाती है। अंगारेश्वर महादेव मंदिर में अंगारक योग की शांति के लिए विशेष पूजन किया जाता है। भौम प्रदोष के संयोग पर बड़ी संख्या में भक्त दूर-दराज से आकर इन दोनों ही मंदिरों में पूजन-अर्चन के लिए हजारों की संख्या में उमड़ते हैं।
शिवरात्रि पर 26 फरवरी को दोनों
मंदिरों भात पूजा बंद रखी जाएगी
26 फरवरी को महाशिवरात्रि पर्व पर हजारों श्रद्धालु मंगलनाथ और आंगारेश्वर महादेव मंदिर में दर्शन के लिए उमड़ेंगे। इसको ध्यान में रखते हुए दोनों प्रमुख मंदिरों में इस दिन भातपूजा बंद रखी जाएगी। मंगलनाथ मंदिर के प्रशासक के.के. पाठक ने बताया 25 फरवरी को भौम प्रदोष पर भात पूजा व अन्य पूजन होगा, लेकिन 26 फरवरी को शिवरात्रि होने के कारण भात पूजा नहीं की जाएगी। श्रद्धालुओं को सहज दर्शन उपलब्ध कराने के लिए शिवरात्रि पर केवल भगवान की नियमित पूजन ही होगी। अंगारेश्वर महादेव मंदिर के प्रबंधक गोपाल शर्मा के अनुसार मंगलवार को भात पूजा चालू रहेगी, लेकिन 26 फरवरी को शिवरात्रि के दिन भात पूजा नहीं की जाएगी।