भोजशाला में रिफ्लेक्टर का उपयोग कर खींचे फोटो, आज भी सर्वे, दोपहर में नमाज

 

धार। ऐतिहासिक भोजशाला की फोटोग्राफी माडल के रूप में कभी नहीं की जाती है। भोजशाला के फोटो इस समय हर एंगिल से मॉडल फोटोग्राफी की तर्ज पर लिए जा रहे हैं।
फिल्म में जिन रिफ्लेक्टरों क और आधुनिक तकनीक का उपयोग किया जाता है, उन रिफ्लेक्टर का उपयोग करते हुए एक-एक फोटो और वीडियो ग्राफी की जा रही है। जिससे कि इस भोजशाला के पाषाण पर उकरे गए हर चिन्ह को स्पष्ट रूप से देखा जा सके। गुरुवार को रिफ्लेक्टर के उपयोग के साथ फोटोग्राफी की गई। अन्य वैज्ञानिक तकनीक का उपयोग इसमें किया गया है। सात दिन में औसत रूप से 50 घंटे का सर्वे हो चुका है।
संभवत यह भोजशाला में पहली बार हुआ है। वहीं 50 मीटर के दायरे में जो धरोहर हैं, उनको भी डिजिटल फॉर्मेट में सुरक्षित किया जा रहा है। गुरुवार को भोजशाला में तीन स्थानों पर खोदाई जारी रही। इसमें सीढ़ी से उतरकर अवशेषों को निकालने का कार्य किया गया।
इन सब के बीच में सबसे अहम बात ही सामने आई है कि भोजशाला की फोटोग्राफी को लेकर विशेष रूप से फिल्मी तकनीक का उपयोग किया जा रहा है। जिस तरह से फिल्म स्टार के फोटो लेने के लिए यह डॉक्यूमेंट्री बनाई जाती है, उसमें रिफ्लेक्टर का उपयोग किया जाता है। काले व सफेद पर्दों का उपयोग किया जाता है, उसका उपयोग इसमें किया गया है। इस तरह से सूरज की रोशनी भोजशाला के पाषाणों पर प्रकाश डाला जा रहा है। और उससे उसकी डिटेल को कैमर से फोटो और वीडियो के रूप में कैद की गई। इधर भोजशाला की लंबाई चौड़ाई से लेकर अन्य स्तर पर चीज पहले ही दर्ज की जा चुकी है।

सर्वे का एक सप्ताह पूरा

इस एक सप्ताह अब तक खुदाई के तहत कहीं स्तर पर जानकारियां दर्ज की जा चुकी है। यहां गड्ढे की लंबाई, चौड़ाई और गहराई को धीरे-धीरे विस्तारित किया जा रहे हैं। भोजशाला में जो गर्भ गृह है, उसके पिछले भाग में दो स्थानों पर खोदाई हो रही है। जबकि एक खुदाई लकड़ीपीठा क्षेत्र में की जा रही है। इस तरह से खोदाई का कार्य सतत जारी है। और आने वाले दिनों में भी यह खोदाई कार्य जारी रहेगा जारी। 50 मीटर की दूरी में टीम ने अपना टारगेट रखा है। इसमें कई महत्वपूर्ण जानकारी दर्ज की जा रही है।
भारतीय सर्वेक्षण विभाग द्वारा इसको लेकर अभी तक कुछ भी नहीं कहा जा रहा है। वहीं दोनों ही पक्ष इसमें मौजूद रह रहे हैं। उनके अपनी-अपनी आपत्तियां अपने-अपने दावे है। अपने-अपने सुझाव भी शामिल है। इस तरह से एक सप्ताह का सर्वे पूरा हो चुका है।
उल्लेखनीय है कि छह सप्ताह में उच्च न्यायालय के आदेश पर भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण विभाग को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करना है। ऐसे में इस सर्वे कार्य का एक सप्ताह बीत चुका है। ऐसे में अब 35 दिन का समय शेष रह गया है। फिलहाल इसमें विभाग समय को लेकर कोई स्थिति स्पष्ट नहीं कर रहा है। माना जा रहा है कि यह कार्य सतत जारी रहेगा।

आज होगी नमाज

भोजशाला का शुक्रवार को भी सर्वे होगा। शुक्रवार को भोजशाला में मुस्लिम समाज को नमाज की अनुमुति होती है। ऐसे में दोपहर 1 से 3 बजे तक नमाज होगी। इसलिए माना जा रहा है कि पिछले शुक्रवार की तरह सुबह 6 बजे से सर्वे शुरू कर दिया जाएगा। दोपहर 12 बजे तक सर्वे को जारी रखा जाएगा।