ढाई द्वीप पंचकल्याणक : 1008 कलशों से हुआ बाल तीर्थंकर का जन्माभिषेक

इन्दौर। श्री कुन्दकुन्द कहान दिगम्बर जैन शासन प्रभावना ट्रस्ट इन्दौर द्वारा आध्यात्मिक सत्पुरुष श्रीकानजीस्वामी के पुण्य प्रभावना योग में निर्मित विश्व की अद्वितीय रचना तीर्थधाम ढाईद्वीप जिनायतन का श्री मज्जिनेन्द्र पंचकल्याणक प्रतिष्ठा महोत्सव के तीसरे दिन जन्मकल्याणक महोत्सव मनाया गया। पं.अभयकुमार शास्त्री देवलाली एवं पं. संजय शास्त्री कोटा के संचालन में जन्मकल्याणक संबंधी इंद्रलोक में इंद्रसभा एवं अयोध्या नगरी में राज्यसभा का आयोजन किया गया। आयोजन समिति के प्रमुख एस. पी.भारिल्ल व प्रवक्ता मनीष अजमेरा ने बताया कि इस अवसर पर जन्म कल्याणक का भव्य जुलूस अयोध्या नगरी ढाई द्वीप से निकलकर सुपर कारीडोर स्थित कृत्रिम पांडुक शिला तक पहुंचा। जुलूस में धर्मध्वज, धर्मचक्र तथा ऐरावत हाथी पर सौधर्मेंद्र के अतिरिक्त हेमेंद्र, महेंद्र, ईशान इंद्र आदि समस्त इंद्रगण जुलूस में शामिल रहे।
प्रतिष्ठाचार्य अभिनंदन शास्त्री ने व अखिल शास्त्री ने बताया की अभी तक किसी भी पंचकल्याणक में 1008 कलशों से जन्माभिषेक नहीं किया गया। यह पंचकल्याणक सदी का ऐतिहासिक पंचकल्याणक है।
बाल तीर्थंकर के पालना झूलन की जानकारी सर्वज्ञ भारिल्ल व विवेक शास्त्री ने दी। अशोक शास्त्री , पीयूष शास्त्री , मनीष गदिया का सहयोग रहा।