कांग्रेसी नोटिस के जवाब में मानहानि का नोटिस भेजेंगे: उज्जैन में कांग्रेस पदाधिकारियों की बैठक, 50 से अधिक कार्यकर्ताओं को जारी हुआ था अनुशासन नोटिस
विवाद की पृष्ठभूमि:
उज्जैन जिले में कांग्रेस संगठन सृजन अभियान के तहत विधायक महेश परमार को जिला अध्यक्ष नियुक्त किए जाने के बाद पार्टी के अंदर विरोध तेज हो गया है। सोशल मीडिया और सार्वजनिक मंचों पर विरोध जताने वाले 50 से अधिक कांग्रेस कार्यकर्ताओं को प्रदेश कांग्रेस की अनुशासन समिति ने नोटिस थमा दिए हैं। सभी से 15 दिनों के भीतर जवाब मांगा गया है, अन्यथा अनुशासनात्मक कार्रवाई की चेतावनी दी गई है।
कार्यकर्ताओं ने किया पलटवार, कहा – सच्चे कांग्रेसियों की छवि धूमिल करने की साजिश
वाट्सएप और सोशल मीडिया के माध्यम से नोटिस प्रसारित होने के बाद कार्यकर्ताओं ने इसे कांग्रेस के सच्चे सिपाहियों की छवि धूमिल करने का प्रयास बताया है।
एक बयान में कहा गया —
“वाट्सएप और सोशल मीडिया के माध्यम से नोटिस प्रसारित कर सच्चे कांग्रेस सिपाही की छवि खराब करने का प्रयास किया जा रहा है। इसका जवाब उचित तरीके से दिया जाएगा। जो पदाधिकारी इस साजिश में शामिल हैं, उनके खिलाफ मानहानि का नोटिस भेजा जाएगा।”
नोटिस का विरोध, अब मानहानि का जवाबी नोटिस
अनुशासन समिति की कार्रवाई के खिलाफ विरोध करने वाले कांग्रेसियों ने अब नोटिस जारी करने वाले उच्च पदाधिकारियों को मानहानि का नोटिस भेजने का निर्णय लिया है।
कांग्रेस नेता दीपक मेहरे ने बताया —
“अनुशासनहीनता के जो नोटिस भेजे गए हैं, वे उन्हीं कार्यकर्ताओं को दिए गए जिन्होंने राहुल गांधीजी के आंदोलन के दौरान ‘वोट चोर गद्दी छोड़ो’ के नारे लगाए थे। अब वही कांग्रेस के प्रति निष्ठा रखने वाले कार्यकर्ता बदनाम किए जा रहे हैं।”
बैठक में जुटे वरिष्ठ नेता
नोटिसों के विरोध में उज्जैन कांग्रेस पदाधिकारियों की एक अहम बैठक आयोजित की गई।
बैठक में पूर्व विधायक डॉ. बटुकशंकर जोशी, महेश सोनी, मुरली मोरवाल, चेतन यादव, आजाद यादव, माया राजेश त्रिवेदी, हेमंती चौहान, विक्की यादव, नाना तिलकर, तबरेज खान, रमेश परिहार, दिनेश शर्मा (तराना), कय्यूम नागौरी (महिदपुर), धीरजसिंह परमार (घट्टिया), कैलाश बिसेन, और राजेंद्र कुवाल सहित बड़ी संख्या में कार्यकर्ता मौजूद रहे।
बैठक में निर्णय लिया गया कि पार्टी के भीतर लोकतांत्रिक परंपरा और संगठन के सम्मान की रक्षा के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।
