सवारी में देरी का आरोप पुजारियों पर — नाराज पंडे बोले, अगली बार काली पट्टी बांधेंगे

सवारी में देरी का आरोप पुजारियों पर — नाराज पंडे बोले, अगली बार काली पट्टी बांधेंगे

उज्जैन | 23 जुलाई 2025
उज्जैन में श्रावण मास की सवारी के दौरान महाकाल मंदिर के पुजारियों और कहारों पर सवारी में देरी का आरोप लगाए जाने से विवाद खड़ा हो गया है। मंदिर समिति द्वारा दोष मढ़े जाने से नाराज पुजारियों ने साफ चेतावनी दी है कि अगर अधिकारियों ने सार्वजनिक रूप से माफी नहीं मांगी, तो अगली सवारी में सभी पुजारी, पुरोहित और कहार काली पट्‌टी बांधकर विरोध दर्ज कराएंगे।


📌 क्या है मामला?

14 जुलाई को श्रावण मास के पहले सोमवार को बाबा महाकाल की पहली सवारी करीब 30 मिनट की देरी से मंदिर पहुंची थी। इस पर मंदिर समिति ने कहारों (पालकी उठाने वाले) और पुजारियों को इसके लिए जिम्मेदार ठहराया।

इस बयान के बाद श्री महाकालेश्वर पुजारियान समिति ने विरोध दर्ज करते हुए कहा कि यह आरोप न केवल झूठे हैं बल्कि अपमानजनक भी हैं।


🎙️ महामंत्री महेश पुजारी का बयान:

“देश-विदेश से लाखों श्रद्धालु बाबा के दर्शन को आते हैं। उन्हें दर्शन कराना प्रशासन की जिम्मेदारी है। लेकिन प्रशासन, पुलिस और समिति अपनी जिम्मेदारी से बचकर, देरी का दोष हम पर मढ़ रहे हैं।”

उन्होंने आगे कहा कि सभा मंडप से लेकर मार्ग तक अधिकारी, नेता, बहरूपिए और पुलिसकर्मी सेल्फी लेते नजर आते हैं, जिससे जुलूस की गति बाधित होती है। पालकी हमेशा पीछे चलती है, आगे झांकियां, भजन मंडलियां और डीजे होते हैं — देरी के लिए यह सब जिम्मेदार हैं।


🔍 प्रशासनिक लापरवाही या दोषारोपण?

पुजारियों का कहना है कि देरी का कारण “सेल्फी संस्कृति” और अनुशासनहीन प्रशासनिक व्यवस्था है। उन्होंने इसे सस्ता प्रचार और धार्मिक मर्यादा का हनन बताया।

🙏 मुख्यमंत्री को लिखा पत्र, मुलाकात की तैयारी

पुजारियों और कहारों ने मुख्यमंत्री और उज्जैन कलेक्टर को पत्र लिखकर पूरे मामले की जानकारी दी है। वे जल्द ही मुख्यमंत्री से मिलकर झूठे आरोपों की निंदा और संबंधित अधिकारियों से माफी की मांग करेंगे।


⚠️ आगामी सवारी में विरोध तय

यदि अधिकारियों ने माफी नहीं मांगी, तो अगली सवारी में सभी पुजारी, कहार और पुरोहित काली पट्टी बांधकर सवारी में शामिल होंगे, ताकि उनकी भावनाओं और प्रतिष्ठा के साथ हुए अन्याय का विरोध शांतिपूर्वक रूप से दर्ज हो सके।


🛕 महाकाल की दूसरी सवारी में 6 लाख श्रद्धालुओं ने किए दर्शन

श्रावण की दूसरी सवारी में अनुमानित 6 लाख श्रद्धालु उज्जैन पहुंचे। बाबा महाकाल की पालकी सवारी के दर्शन के लिए घाटों और मार्गों पर भक्तों की भीड़ उमड़ी। इससे पहले, सावन के पहले सोमवार को 2 लाख से अधिक श्रद्धालु पहुंचे थे।

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