उज्जैन। महाकाल की पहली सवारी में श्रद्धालुओं की सुरक्षा-व्यवस्था के पुख्ता प्रबंध किये गये थे। एक दिन पहले पांच डेरों पर दबिश दी गई, 23 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया। बावजूद सोमवार को महाकाल मंदिर से लेकर सवारी मार्ग तक दर्जनों वारदात हुई। महाकाल और खाराकुआ थाने पर शिकायतें पहुंची। पुलिस ने आवेदन प्राप्त कर जांच का आश्वासन दिया।
सावन माह की शुरूआत 11 जुलाई को हो गई थी। 12 ज्योर्तिलिंगों में विश्व प्रसिद्ध बाबा महाकाल के दरबार उज्जैन में डेढ़ माह का महोत्सव शुरू हुआ। सोमवार को बाबा महाकाल की पहली सवारी परम्परागत मार्ग से निकाली गई। प्रशासन और पुलिस ने लाखों श्रद्धालुओं का आने का अनुमान लगाकर सुरक्षा-व्यवस्था के पुख्ता इंतजाम शुरू किये थे। देशभर से महाकाल दर्शन और सवारी में आने वाले श्रद्धालुओं के साथ वारदात ना हो इसको लेकर एक दिन पहले ही पुलिस अलर्ट हो गई थी। महाकल, देवासगेट, नीलगंगा, कोतवाली और पंवासा थाना क्षेत्रों के पांच डेरों पर दबिश दी गई। जहां से सवारी मार्ग पर वारदात करने की आशंका में 23 संदिग्धों को हिरासत में लिया गया। बावजूद सोमवार को महाकाल मंदिर के आसपास श्रद्धालुओं की भीड़ में बदमाशों ने पुलिस को चुनौती दी। यहीं नहीं शाम को सवारी मार्ग पर भी बदमाश सक्रिय दिखाई दिये। सूत्रों के अनुसार महाकाल और खाराकुआं थाने में शाम को सवारी खत्म होने तक 50 से अधिक ऐसी शिकायतें पहुंची थी, जिसमें मोबाइल-पर्स चोरी होना सामने आया। सवारी शुरू होने से पहले मंदिर क्षेत्र में 2 से 3 सोने की चेन चोरी होने के मामले भी महाकाल थाने पर पहुंच चुके थे। महाकाल थाना पुलिस के अनुसार उन्होने 40 से 45 श्रद्धालुओं से शिकातयी आवेदन प्राप्त किये है। वहीं खाराकुआ थाना पुलिस को कहना था कि मोबाइल-पर्स गायब होने के 5 से 6 आवेदन प्राप्त किये गये है। ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि बदमाशों ने पुलिस की सुरक्षा-व्यवस्था को चुनौती है, प्रतिवर्ष सावन-भादौ माह में मंदिर और सवारी मार्ग पर वारदाते होती है। जिसको देखते हुए पुलिस पुख्ता व्यवस्था करती है, बावजूद बदमाश वारदाते कर निकल जाते है।
बाहर से आती है बदमाशों की गैंग
सावन-भादौ माह में श्रद्धालुओं के साथ होने वाली वारदातों के बाद हमेशा यह सामने आता है कि बदमाशों की गैंग बाहर से आती है। जिसके चलते पुलिस उन पर निगरानी रखने में सफल नहीं हो पाती है। स्थानीय बदमाशों को पहले ही चिन्हित कर लिया जाता है। बदमाशों के निशाने पर मंहगे मोबाइल, पर्स और चेन होती है, जो भीड़ के बीच आसानी से चोरी कर ली जाती है।
ड्रोन से निगरानी, सादी वर्दी में पुलिस
महाकाल मंदिर से लेकर सवारी मार्ग तक इस बार भी पुलिस ने सुरक्षा और निगरानी के लिये 3 ड्रोन उड़ाये थे, सादी वर्दी में पुलिसकर्मियों की तैनाती की गई थी। मंदिर क्षेत्र से लेकर सवारी मार्ग को स्मार्ट सिटी के अंतर्गत कैमरों से लैस किया गया था। हर क्षेत्र में सीसीटीवी कैमरों के कंट्रोलरूम से नजर रखी जा रही थी। लेकिन 2 से 3 लाख श्रद्धालुओं के बीच बदमाश अपना काम कर निकल गये।
