हरियाली अमावस्या: शिप्रा तट पर श्रद्धालुओं ने स्नान किया, दूधतलाई व अनंत पेठ में पारंपरिक मेला

हरियाली अमावस्या: शिप्रा तट पर श्रद्धालुओं ने स्नान किया, दूधतलाई व अनंत पेठ में पारंपरिक मेला


धार्मिक स्नान और देवदर्शन

उज्जैन में गुरुवार को हरियाली अमावस्या के अवसर पर सुबह से ही श्रद्धालुओं की भीड़ शिप्रा नदी के तटों पर उमड़ पड़ी। श्रद्धालुओं ने पवित्र स्नान कर श्री महाकालेश्वर मंदिर सहित शहर के अन्य प्रमुख मंदिरों में देवदर्शन किए।

पंडित अमर डब्बावाला के अनुसार, यह अमावस्या दर्श अमावस्या की श्रेणी में आती है और पुनर्वसु नक्षत्र के कारण इस बार सर्वार्थ सिद्धि योग का निर्माण हुआ है।


दूधतलाई व अनंत पेठ में पारंपरिक मेला

  • दूधतलाई स्थित दूधेश्वर महादेव मंदिर में सुबह पंचामृत अभिषेक और विशेष श्रृंगार किया गया।

  • शाम को मंदिर परिसर में पारंपरिक मेला लगेगा, जहां बच्चे झूले, चकरी और अन्य खेलों का आनंद लेंगे।

  • अनंत पेठ मंदिर परिसर में भी मेला आयोजित होगा।


धानि मुक्का की अनोखी परंपरा

हरियाली अमावस्या पर उज्जैन की खास धानि मुक्का परंपरा भी निभाई जाएगी। दूधतलाई, अनंत पेठ और शिप्रा के गऊघाट पर व्रत रखने वाली युवतियां अपनी सहेलियों के साथ यह खेल खेलती हैं, जिसे शुभ और मंगलकारी माना जाता है।


पर्यावरण संरक्षण का संदेश

यह पर्व प्रकृति और पर्यावरण संरक्षण से जुड़ा हुआ है। इस दिन पेड़-पौधे लगाने, पौधों का दान करने और प्रकृति को कुछ लौटाने का विशेष महत्व है।
कहा जाता है कि “जैसे-जैसे पौधा बड़ा होता है, वैसे ही दानकर्ता को शुभ फल प्राप्त होता है।”


जानिए कौन-सा पौधा क्या फल देता है

  • लक्ष्मी प्राप्ति : तुलसी, आंवला, केला, बेल का वृक्ष।

  • आरोग्य : ब्राह्मी, पलाश, अर्जुन, आंवला, सूरजमुखी, तुलसी।

  • ऐश्वर्य व सौभाग्य : अशोक, अर्जुन, नारियल, वट वृक्ष।

  • संतान प्राप्ति : पीपल, नीम, बेल, नागकेशर, अश्वगंधा।

  • मेधा (बुद्धि) : शंखपुष्पी, पलाश, ब्राह्मी, तुलसी।

  • सुख : नीम, कदंब, छायादार वृक्ष।

  • आनंद : हरसिंगार, रातरानी, मोगरा, गुलाब।


हरियाली अमावस्या का महत्व

यह दिन पितरों के तर्पण, पिंडदान और धार्मिक अनुष्ठानों के लिए शुभ माना जाता है। शहर के विभिन्न घाटों, धर्मशालाओं और मंदिरों में श्रद्धालु पौधारोपण कर पुण्य प्राप्ति का संकल्प लेंगे।

Share:

संबंधित समाचार

Leave a Comment