सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जागा उज्जैन नगर निगम: 16 माह में डॉग बाइट के 30 हज़ार केस, हिंसक स्ट्रीट डॉग्स पर सख़्त कार्रवाई

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद जागा उज्जैन नगर निगम: 16 माह में डॉग बाइट के 30 हज़ार केस, हिंसक स्ट्रीट डॉग्स पर सख़्त कार्रवाई

उज्जैन | दिल्ली-एनसीआर में स्ट्रीट डॉग्स को लेकर सुप्रीम कोर्ट के आदेश का असर अब उज्जैन में भी दिखने लगा है। आदेश की जानकारी मिलते ही शहरवासियों ने उज्जैन नगर निगम को लगातार फोन कर हिंसक और खतरनाक हो चुके कुत्तों को शहर से बाहर भेजने की मांग शुरू कर दी है।

महापौर ने बुलाई आपात बैठक

मंगलवार को महापौर मुकेश टटवाल ने स्वास्थ्य विभाग प्रभारी सत्यनारायण चौहान, उपायुक्त योगेंद्र सिंह पटेल और संजेश गुप्ता के साथ बैठक कर समाधान पर चर्चा की।
महापौर ने बताया कि पिछले पांच वर्षों में 30,696 स्ट्रीट डॉग्स की नसबंदी कराई गई है। सदावल स्थित श्वान गृह की कार्यप्रणाली की जानकारी लेते हुए उन्होंने हिंसक व आवारा कुत्तों की नसबंदी और रेबीज टीकाकरण अभियान तेज करने के निर्देश दिए।

डॉग बाइट के आंकड़े चौंकाने वाले

  • 2024: 19,949 मामले

  • जनवरी–जून 2025: 10,296 मामले

  • सिर्फ मई 2025: 1,417 मामले

  • जून 2025: 1,552 मामले

  • जुलाई 2025: 1,512 मामले
    पिछले 16 महीनों में 30,000 से अधिक लोग डॉग बाइट के शिकार हुए हैं, जिनमें से दो लोगों की मौत भी हो चुकी है।

सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद सख्ती

महापौर टटवाल ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के बाद नगर निगम हिंसक कुत्तों को पकड़कर श्वान गृह भेजने की कार्यवाही कर रहा है।
“लोगों को नुकसान पहुंचाने वाले कुत्तों को तुरंत हटाने की व्यवस्था की जाएगी। कोर्ट के आदेश के बाद नागरिकों के कई कॉल आ रहे हैं। वरिष्ठ अधिकारियों से राय लेकर आगे की कार्रवाई होगी,” उन्होंने कहा।


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