सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय में  टीचर्स के 161 में से 117 पद खाली

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 विद्यार्थियों की रुचि रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों में नहीं

उज्जैन। उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय में टीचर्स की कमी है। जो जानकारी प्राप्त हुई है उसके अनुसार 161 में से 117 पद खाली पड़े हुए है और यही कारण है कि विश्वविद्यालय में संचालित रोजगारोन्मुखी पाठ्यक्रमों में विद्यार्थियों की रूचि नहीं है।

उज्जैन के इस विश्वविद्यालय के साथ ही पूरे प्रदेश के भी कई विश्वविद्यालयों की यही स्थिति है। प्रदेश के विश्वविद्यालयों में नई शिक्षा नीति (एनईपी) के तहत रोजगारोन्मुखी व्यावसायिक और आधुनिक पाठ्यक्रम शुरू किए गए हैं। इसमें एविएशन, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, साइबर सिक्योरिटी, वेब डिजाइनिंग जैसे पाठ्यक्रम संचालित किए जा रहे हैं, लेकिन शिक्षकों के 80 फीसद पद खाली होने के कारण विद्यार्थियों की रुचि इन पाठ्यक्रमों में नहीं है। इन पाठ्यक्रमों में चार या पांच विद्यार्थी प्रवेश ले रहे हैं। विश्वविद्यालयों के साथ ही कालेजों में भी यही स्थिति है। यही कारण है कि विश्वविद्यालय नैक को ग्रेडिंग में भी पिछड़े हैं। उज्जैन के सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय में भी टीचर्स के 161 में से 117 पद खाली हैं. इनमें 57 पद असिस्टेंट प्रोफेसर के खाली हैं। गौरतलब है कि  मध्यप्रदेश सरकार ने उज्जैन स्थित विक्रम विश्वविद्यालय का नाम बदलकर ‘सम्राट विक्रमादित्य विश्वविद्यालय’ कर दिया है। राज्य सरकार ने ऐसा यह रेखांकित करने के लिए किया है कि विश्वविद्यालय का नाम सम्राट विक्रमादित्य के नाम पर रखा गया है।

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