युवक को रस्सी से बंधकर अस्पताल लाया गया: परिवार और व्यवस्था पर सवाल

युवक को रस्सी से बंधकर अस्पताल लाया गया: परिवार और व्यवस्था पर सवाल

सीहोर, मध्य प्रदेश 
सीहोर जिला अस्पताल से गुरुवार सुबह एक वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, जिसमें एक युवक ज़मीन पर रस्सी से बंधा दिख रहा है। यह व्यक्ति अपनी पत्नी और सास के साथ लाया गया था, जिन्होंने इसे मानसिक बीमारी के इलाज के लिए यहां लाया था। वीडियो से अस्पताल कर्मियों की निष्क्रियता और पालन न करने का मामला उजागर हुआ है।


▶ घटना की विस्तृत जानकारी

  • परिवार उत्तर प्रदेश के देवरिया से आया था। उन्हें विश्वास था कि कुबेरेश्वर धाम में प्रवचन और वातावरण से युवक की मानसिक स्थिति में सुधार होगा।

  • को वापसी पर स्थिति में कोई सुधार नहीं हुआ, तो पत्नी छाया और सास दुलारी बाई ने उसे रस्सी से बांधकर सीहोर जिला अस्पताल लाया।

  • अस्पताल पहुंचते ही, दोनों महिलाओं ने युवक को ज़मीन पर बांध दिया और खुद अस्पताल परिसर में कुछ दूरी पर बैठ कर सो गईं।

  • अस्पताल स्टाफ ने घटना पर कोई सक्रियता नहीं दिखाई; घटना अस्पताल के CCTV कैमरे में कैद हो गई है।


प्रशासनिक सूत्रों का रुख

  • जिला प्रशासन, स्वास्थ्य विभाग और सिविल सर्जन डॉ. प्रवीर गुप्ता से संपर्क साधा गया, लेकिन अभी तक कोई प्रतिक्रिया या स्पष्टीकरण प्राप्त नहीं हुआ है।

  • स्थानीय संपर्क सूत्र बताते हैं कि मामले की गम्भीरता से जांच की मांग की जा रही है।


संदर्भ और पिछली घटनाएं

हालांकि इस घटना से संबंधित एक्सपोज़र अभी शुरू हुआ है, लेकिन राज्य में पहले भी अस्पतालों में मरीजों को बाँधने जैसे मामलों की रिपोर्टिंग हुई है।

  • शाजापुर की घटना (2020): एक बुजुर्ग व्यक्ति को इलाज के बिल न भर पाने पर अस्पताल ने बेड से बांध दिया था। घटना मीडिया में चर्चा में आई थी और मुख्यमंत्री ने तत्काल कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया था।India TodayThe Times of India

  • रातलाम का मामला (2025): एक और घटना में ICU में मरीज को बंधा हुआ पाया गया; यह CCTV में कैद हुई। इस घटना ने अस्पताल प्रशासन की संवेदनशीलता पर सवाल खड़े किए थे।The Lallantop


निष्कर्ष

यह मामला दर्शाता है कि मानसिक स्वास्थ्य और संवेदनशील स्थिति में आने वाले मरीजों के उपचार और देखभाल में हमारे स्वास्थ्य तंत्र की तैयारी और मानवता कितनी महत्वपूर्ण है। अस्पताल में बाँधने या अनदेखी के बजाय, उचित चिकित्सा व मानसिक देखभाल ज़रूरी है।

  • क्या यह बंधन सुरक्षा के नाम पर किया गया था या यह लापरवाही थी?

  • क्या अस्पताल में मानसिक स्वास्थ्य के लिए सक्षम स्टाफ और प्रोटोकॉल मौजूद हैं?

इन सवालों की जांच और जवाब महत्त्वपूर्ण हैं।


Tags: #सीहोर #मानसिकस्वास्थ्य #लापरवाही #अस्पताल_चेतना #जनहित

Share:

संबंधित समाचार

Leave a Comment