महाकाल मंदिर गर्भगृह विवाद पर विधायक गोलू शुक्ला का पक्ष: कहा- बेटे ने नियमों का पालन किया, प्रशासन से अनुमति ली थी
इंदौर/उज्जैन
उज्जैन के श्री महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश को लेकर विवाद में आए बीजेपी विधायक गोलू शुक्ला ने स्पष्ट किया है कि उन्होंने और उनके बेटे रुद्राक्ष ने प्रशासन से अनुमति लेकर ही दर्शन किए थे। उन्होंने इन आरोपों को निराधार बताते हुए कहा कि यह एक “बनाया हुआ विवाद” है।
विधायक शुक्ला ने दावा किया कि वे पिछले 25 वर्षों से महेश्वर से महाकाल तक की कावड़ यात्रा का आयोजन कर रहे हैं, जिसमें हजारों श्रद्धालु शामिल होते हैं और अब तक कोई विवाद नहीं हुआ। उन्होंने कहा, “हमने पूरे श्रद्धा भाव से भगवान का जलाभिषेक किया। मंदिर में इतनी सख्त व्यवस्था है कि बिना अनुमति कोई गर्भगृह में प्रवेश कर ही नहीं सकता।”
देवास मामले में भी बेटे का बचाव
इससे पहले रुद्राक्ष शुक्ला देवास के चामुंडा माता मंदिर में पट बंद होने के बावजूद दर्शन को लेकर विवादों में आए थे। इस पर प्रतिक्रिया देते हुए गोलू शुक्ला ने कहा, “देवास का मामला भी गलत प्रचारित किया गया था। वहां भी किसी प्रकार का विवाद नहीं हुआ था।”
बीजेपी संगठन की फटकार
हालांकि, इन घटनाओं को गंभीरता से लेते हुए बीजेपी संगठन ने विधायक गोलू शुक्ला को भोपाल तलब किया। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष हेमंत खंडेलवाल और संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा ने उन्हें चेतावनी दी कि वे अपने पुत्र को अनुशासित करें और भविष्य में इस प्रकार की घटनाओं से बचें।
राजनीतिक बयान के बजाय विकास पर फोकस
विधायक शुक्ला ने यह भी बताया कि उनकी मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव से कान्ह नदी की सफाई और इंदौर संभाग में 1400 बिस्तरों वाले नए अस्पताल के निर्माण को लेकर चर्चा हुई है। उन्होंने कहा कि “एमवाय की तर्ज पर एक और बड़ा अस्पताल इंदौर संभाग को मिलने वाला है।”
संपादकीय टिप्पणी:
गर्भगृह जैसे पवित्र स्थलों में नियमों का पालन अत्यंत आवश्यक है। नेताओं और जनप्रतिनिधियों को विशेष सतर्कता रखनी चाहिए ताकि आस्था का वातावरण प्रभावित न हो।
