उज्जैन में नागपंचमी के अवसर पर सर्पों के संरक्षण एवं पर्यावरण बचाओ का संदेश दिया गया। इस मौके पर महिला-पुरुषों ने नाग और सपेरे का वेश धारण कर नागिन की धुन पर थिरके। कार्यक्रम में महापौर मुकेश टटवाल भी शामिल हुए।
उज्जैन के कोठी रोड पर सुबह घूमने आने वाले लोगों कई महिला पुरुषों को नाग नागिन बने हुए काले कपड़े में देख कर हैरान हो गए। नागपंचमी के अवसर पर उल्लास आनंद मस्ती के साथ सरि सर्पों के संरक्षण एवं पर्यावरण बचाओ का संदेश नाग को दूध मत पिलाओ कार्यक्रम का आयोजन हुआ। सूत्रधार स्वामी मुस्कुराके ने कहा कि सपेरे बांबी पर बीन लिए बैठे हैं। सांप भी बहुत चालू है, दूरबीन लिए बैठे हैं।
कार्यक्रम में पुरुष एवं महिला वर्ग की विभिन्न रोचक स्पर्धाएं हुईं। जिसमें कई रोचक खिताब प्रदान किए गए। महापौर मुकेश टटवाल ने बीन बजाकर सांप की डलिया से आस्तीन का सांप निकल कर सरि सर्प को बचाने का संदेश दिया।
रोचक स्पर्धा में लाइफ टाइम अचीवमेंट अवाॅर्ड सांपों की दादी उषा छजलानी को दिया गया। मिस सर्पिणी का खिताब एडवोकेट आरती ठाकुर को मिला। फुंफकारती नागिन मौसमी रोचवानी रहीं। शाही नागिन संध्या तैलंग, भोली नागिन शशि अग्रवाल, सर्पों की राजकुमारी मीनल अरोरा, पुरुष वर्ग में सांपों का बादशाह मिलिंद तेलंग, सांपों का राजकुमार अशोक दाता, नागों का सरताज गजेंद्र जैन, शाही डेडू सत्यनारायण वर्मा, आस्तीन का सांप रवि गुप्ता को दिया गया।
