नए कलेवर और कंपनी के साथ नंबर बदलेगा डायल हंड्रेड का -अब डायल 112 होगी, बलवा ड्रिल के साथ स्ट्रेचर भी होगा

उज्जैन। आने वाले दिनों में डायल 100 नए कलेवर, कंपनी और नंबर 112 के साथ मैदान में आने वाली है। इसमें बलवा ड्रिल के साथ ही सुरक्षा के साधन तो होंगे ही इसके अलावा स्ट्रेचर भी रहेगा। जिले में वाहनों की संख्या भी बढने वाली है। अब डायल 112 में जख्मी व्यक्ति को अस्पताल ले जाने का इंतजाम भी रहेगा।
प्रदेश की पुलिस को ओर आधुनिक बनाने की कवायद के तहत लगातार अत्याधुनिकता को अंगीकार किया जा रहा है। पुलिस मुख्यालय योजनानुसार 15 अगस्त पर फोर्स को वायरलैस सेट से लेसकर डायल 100 सेवा को और आधुनिक बनाने के साथ साइबर अपराधों पर नकेल कसने के लिए ठोस इंतजामों की शुरूआत की है। इस कोशिश में डायल 100 का तो स्वरुप ही बदलने जा रहा है। नई कंपनी को इस सेवा की कमान सौंपी गई है। इसमें सेवा का नंबर 112 होगा और गाडियों की तादात भी दोगुनी होने वाली है।
हैदराबाद की कंपनी संभालेगी व्यवस्था
आने वाले दिनों में डायल 100 सेवा प्रदेश में नए कलेवर में दिखेगी। करीब एक दशक पहले चालू हुई इस सेवा की कमान अब मध्यप्रदेश में एफआरवी सेवा को नया पहचान नंबर डायल 100 की जगह 112 होगा, जिसकी जिम्मेदारी हैदराबाद की कंपनी संभालेगी। दूसरे फेज में सेवा का नंबर भी डायल 100 से बदलकर 112 होगा। अभी तक प्रदेश में डायल 100 के एक हजार वाहन पुलिस की मदद के लिए थे, अब इनकी गिनती दोगुनी होगी।
जरूरत के अनुसार तैयार हो रहे वाहन
पुलिस अधिकारियों के मुताबिक डायल 112 सेवा में वाहनों को शहर और देहात की सड़कों के हिसाब से रखा जाएगा। फिलहाल करीब 1200 वाहनों की खेप पीएचक्यू के पास आ चुकी है। इन्हें सड़क पर उतारने की तैयारी तो 15 अगस्त से है। लेकिन वाहनों को पुलिस जरुरत के हिसाब से तैयार करवा रही है। अभी तक करीब 400 वाहन को तैयार किया गया है। सभी वाहनों को मॉडीफाई करने में कुछ वक्त और लग सकता है। वाहन में इस बार पुलिस बलवा ड्रिल और सुरक्षा के साधनों के साथ स्ट्रेचर भी रहेगा। अक्सर वारदातों में जख्मी लोगों को इलाज के लिए ले जाने के लिए एंबुलेंस का इंतजार करना पड़ता है। इसमें कई बार घायल का गोल्डन आॅवर उसे अस्पताल तक पहुंचाने के लिए वाहन के इंतजार में ही निकल जाता है।

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