कोविड की वापसी: क्या है नया खतरा और आपको क्या करना चाहिए?
एशिया में नई लहर, भारत भी सतर्क
जब हमें लग रहा था कि कोविड-19 अब अतीत की बात हो चुका है, तब यह वायरस फिर से सुर्खियों में है। हॉन्गकॉन्ग की भीड़भाड़ वाली सड़कों से लेकर सिंगापुर के हाई-टेक शहरों तक, कोविड के मामले फिर से बढ़ रहे हैं। लेकिन इस बार क्या हो रहा है, और क्या हमें फिर से मास्क पहनने की जरूरत है? आइए ताजा आंकड़ों और खबरों के आधार पर समझते हैं।
आंकड़े बता रहे हैं कहानी
दक्षिण-पूर्व एशिया इस नई लहर का केंद्र बन गया है। सिंगापुर में मई 2025 के पहले सप्ताह में 14,200 नए मामले सामने आए, जो पिछले सप्ताह की तुलना में 28% ज्यादा हैं। अस्पताल में भर्ती होने वालों की संख्या में भी 30% की वृद्धि हुई है। हॉन्गकॉन्ग में 10 मई को खत्म हुए सप्ताह में 1,042 नए मामले और 31 मौतें दर्ज की गईं, जो एक साल में सबसे ज्यादा साप्ताहिक मौतें हैं। थाईलैंड में जनवरी 2025 से अब तक 71,000 से ज्यादा मामले सामने आए हैं, खासकर अप्रैल में सॉन्गक्रान उत्सव के बाद।
भारत में भी मामले बढ़ रहे हैं, लेकिन स्थिति नियंत्रण में है। 23 मई 2025 तक देश में 312 सक्रिय मामले हैं, जिनमें अहमदाबाद में 20, गाजियाबाद में 4 और बेंगलुरु में 9 शामिल हैं। केरल, तमिलनाडु और महाराष्ट्र में सबसे ज्यादा मामले हैं, लेकिन गंभीर मरीजों या मौतों में कोई बड़ी वृद्धि नहीं हुई है।
वैश्विक स्तर पर, नया वेरिएंट NB.1.8.1 जापान, दक्षिण कोरिया, फ्रांस और अमेरिका जैसे देशों में फैल रहा है। यह एक वैश्विक चेतावनी है कि कोविड अभी खत्म नहीं हुआ है।
नए वेरिएंट: JN.1 और उसकी संतानें
इस लहर के पीछे मुख्य कारण हैं JN.1 वेरिएंट और इसके उप-वेरिएंट LF.7 और NB.1.8। ये ओमिक्रॉन के वंशज हैं और बहुत तेजी से फैलते हैं। सिंगापुर में दो-तिहाई से ज्यादा मामले इन्हीं वेरिएंट्स की वजह से हैं। विश्व स्वास्थ्य संगठन ने JN.1 को “वेरिएंट ऑफ इंटरेस्ट” घोषित किया है, लेकिन अच्छी खबर यह है कि ये पहले की तुलना में ज्यादा घातक नहीं हैं।
इस लहर का कारण क्या है? विशेषज्ञों का कहना है कि टीकों और प्राकृतिक इम्यूनिटी का प्रभाव कम होना इसका मुख्य कारण है। डॉ. संदीप बुद्धिराजा कहते हैं, “वायरस ज्यादा खतरनाक नहीं हुआ है, लेकिन हमारी
