कांग्रेस में गुजरात सम्मेलन के निर्णय अमल का इंतजार गाईड लाईन के अनुसार होगा जिलाध्यक्षों में फेरबदल -स्थानीय नेताओं,कार्यकर्ताओें की एकमत राय पर बनेंगे जिलाध्यक्ष

उज्जैन। कांग्रेस में गुजरात समेलन के निर्णयों पर अमल का इंतजार किया जा रहा है। इसमें स्थानीय नेताओं , कार्यकर्ताओं की अहम राय एवं सबकी पसंद से जिलाध्यक्ष नियुक्ति एवं उसे पावरफूल बनाने को लेकर गाईडलाईन तय हुई थी।  कांग्रेस के फर्श से लेकर अर्श तक के नेताओं,कार्यकर्ताओं को निर्णय के अमल का इंतजार हैं। जिलाध्यक्ष अब ऊपर से नहीं थोपे जाएंगे। इनकी नियुक्ति में स्थानीय नेताओं, कार्यकर्ताओं की राय अहम होगी।

कांग्रेस कार्यकर्ताओं में वर्तमान में गुजरात सम्मेलन के निर्णय पर अमल को लेकर गहन चर्चा है। संगठन को लेकर चर्चाओं में कार्यकर्ताओं के साथ नेताओं का पक्ष भी यही सामने आ रहा है कि जिलाध्यक्ष के पावरफूल होने और धरातल का होने से संगठन में धरातल के कार्यकर्ताओं के साथ ही नया आक्सीजन मिलेगा। अगर पार्टी में गाईड  लाईन के अनुसार निर्णय पर अमल होता है तो ऐसे में

प्रदेश के आधे से ज्यादा जिलाध्यक्षों की कुर्सी खतरे में है। जिलाध्यक्षों की नियुक्ति होना तय है। इसके लिए खोजबीन तेज हो गई है। बताया जाता है कि जिलाध्यक्ष की नियुक्ति में गुजरात फार्मूला लागू किया जा सकता है। जिलाध्यक्षों की नियुक्ति के लिए एआईसीसी की ओर से जिला स्तर पर एक ऑब्जर्वर नियुक्त होगा। प्रदेश कांग्रेस की ओर से भी ऑब्जर्वर जिला अध्यक्ष के नाम खोजने में मदद करेंगे। प्रत्येक जिले में पार्टी अध्यक्ष चुनने के लिए पांच सदस्यों की समिति बनाई जाएगी। इसमें एक केंद्रीय और चार राज्य स्तरीय पर्यवेक्षक शामिल होंगे। ये समितियां अपने-अपने जिले का दौरा करेंगी और जिलाध्यक्ष के चयन से पहले स्थानीय नेताओं और पार्टी कार्यकर्ताओं से बातचीत करेंगी।

प्राथमिकता के अनुसार होगा चयन

जिलाध्यक्षों के चयन में अब कांग्रेस आदिवासी, दलित, ओबीसी, अल्पसंख्यकों और महिलाओं को प्राथमिकता देगी। बताया जाता है कि मौजूदा समय में प्रदेश में पार्टी के 72 संगठनात्मक जिलों में से 66 में वर्तमान में जिलाध्यक्ष हैं। 6 जिलों में अध्यक्ष के पद रिक्त हैं।

कसावट के साथ बदलाव-

कांग्रेस संगठन में कसावट के साथ बदलाव की उज्जैन में भी कवायद चल रही है। इसमें जिले के संगठनात्मक से लेकर ब्लॉक स्तर तक बदलाव शामिल हैं। हालिया स्थिति में कुछ नियुक्तियां हुई थी जिन्हें बाद में रोक दिया गया और वेटिंग में डाल दिया गया है। यही हालत प्रदेश से भी बनी हुई है।

-संगठन की गाईड लाईन अनुसार पर्यवेक्षक बनाए गए हैं। इसी के कारण से हालिया स्थिति में  होने वाली नियुक्तियों पर रोक लगा दी गई है। पर्यवेक्षकों के साथ नेताओं,जमीनी कार्यकर्ताओं की राय के अनुसार ही आने वाले समय में अब गुजरात पैटर्न पर ही निर्णय होकर नियुक्ति होगी।

-मुकेश भाटी,अध्यक्ष शहर जिला कांग्रेस, उज्जैन

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