उज्जैन-इंदौर सिक्स लेन पर निर्माण और जाम के बीच टोल वसूली पर विवाद: एडवोकेट ने अफसरों को भेजा नोटिस

उज्जैन-इंदौर सिक्स लेन पर निर्माण और जाम के बीच टोल वसूली पर विवाद: एडवोकेट ने अफसरों को भेजा नोटिस

📍 उज्जैन | 16 जुलाई 2025
रिपोर्टर: रवि चंद्रवंशी

उज्जैन-इंदौर राष्ट्रीय राजमार्ग पर चल रहे सिक्स लेन निर्माण कार्य और आए दिन लगने वाले जाम के बीच भी लगातार टोल वसूली की जा रही है। इस पर अब सवाल उठने लगे हैं। वाहन चालकों और सामाजिक कार्यकर्ताओं का कहना है कि जब मार्ग अधूरा, असुविधाजनक और असुरक्षित है, तो टोल टैक्स वसूलना “अनुचित और गैरकानूनी” है।

इसी संदर्भ में उज्जैन के वरिष्ठ एडवोकेट यशवंत अग्निहोत्री ने एमपी शासन के मुख्य सचिव, उज्जैन कलेक्टर और एमपीआरडीसी के जीएम को सूचना पत्र भेजकर टोल टैक्स वसूली पर तत्काल रोक लगाने की मांग की है।


⚠️ क्या है वाहन चालकों की परेशानी?

उज्जैन-इंदौर मार्ग पर ₹1692 करोड़ की लागत से सिक्स लेन निर्माण कार्य चल रहा है, लेकिन फिलहाल मार्ग पर जगह-जगह डायवर्सन, टूटी हुई पुलियाएं, और सिंगल लेन ट्रैफिक जैसी समस्याएं हैं।

  • कहीं भी फुल सर्विस लेन उपलब्ध नहीं है।

  • संकेतक, लाइट, एंबुलेंस और आपातकालीन सेवाओं का घोर अभाव है।

  • हादसे का हमेशा खतरा बना रहता है।

फिर भी मार्ग पर निनोरा और बारोली टोल नाकों से निरंतर शुल्क वसूली की जा रही है।


💬 एडवोकेट का तर्क: सुविधा नहीं तो शुल्क नहीं

एडवोकेट यशवंत अग्निहोत्री ने अपने नोटिस में लिखा:

विधिक सिद्धांत कहता है कि यदि नागरिक से कोई शुल्क लिया जाए तो उसके बदले में उसे उचित सेवा और सुविधा दी जानी चाहिए। उज्जैन-इंदौर मार्ग पर यह संतुलन नहीं है। यहाँ सिर्फ शुल्क लिया जा रहा है, सुविधाएं नहीं दी जा रहीं। ऐसे में टोल वसूली तत्काल बंद की जाए, और संपूर्ण मार्ग पूर्ण होने के बाद ही इसे पुनः लागू किया जाए।”


📉 यातायात और वसूली दोनों प्रभावित

टोल प्लाजा मैनेजर प्रतीक कसेरा के अनुसार:

  • पहले जहाँ प्रतिदिन 20,000 वाहन गुजरते थे, अब यह संख्या 12,000–15,000 पर सिमट गई है।

  • गुजरात-मुंबई का भारी ट्रैफिक अब इस मार्ग को छोड़ पालखंदा-मांगलिया मार्ग से गुजर रहा है।

  • इससे टोल राजस्व में भारी गिरावट आई है।

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