महाकाल मंदिर में VIP दर्शन पर अब लाइव निगरानी
अब पता चलेगा—कौन लाया खास मेहमान, कितने लोग पहुंचे दर्शन के लिए
उज्जैन | 27 अक्टूबर 2025
उज्जैन के विश्व प्रसिद्ध श्री महाकालेश्वर मंदिर में अब वीआईपी दर्शन व्यवस्था को पूरी तरह डिजिटल और पारदर्शी बनाया जा रहा है। मंदिर प्रशासन ने तकनीकी निगरानी प्रणाली लागू की है, जिससे अब यह रियल टाइम में पता चलेगा कि कौन VIP श्रद्धालु दर्शन के लिए आया, किसके साथ आया और कितने लोगों ने दर्शन किए।
मंदिर प्रशासक प्रथम कौशिक के निर्देशन में यह नई व्यवस्था शुरू की गई है। इसके तहत जनप्रतिनिधियों, न्यायिक अधिकारियों, अधिकारियों, अभिनेताओं और मीडिया से जुड़े वीआईपी श्रद्धालुओं की जानकारी रियल टाइम में दर्ज और मॉनिटर की जा रही है।
🔹 कैसे काम करती है यह नई तकनीकी व्यवस्था
जब कोई वीआईपी श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचता है, तो शंख द्वार पर तैनात कर्मचारी उसकी जानकारी कंप्यूटर पर गूगल डॉक में दर्ज करते हैं।
यह जानकारी सीधे मंदिर के प्रशासक प्रथम कौशिक और सहायक प्रशासक आशीष पलवड़िया के मोबाइल पर लाइव दिखाई देती है।
इस फॉर्म में दर्ज होती हैं ये जानकारियां –
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श्रद्धालु कब और किस गेट से मंदिर पहुंचे
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कितने लोग साथ आए
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किसने प्रोटोकॉल दर्शन के लिए अनुरोध किया
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क्या सभी अधिकृत लोगों ने दर्शन किया या अतिरिक्त लोग भी शामिल हुए
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किस कर्मचारी ने रिसीव किया और प्रक्रिया में कौन-कौन शामिल रहा
तीन स्थानों पर यह जानकारी क्रॉस-चेक की जाती है, और सभी पॉइंट्स की लाइव फीड अधिकारियों के मोबाइल पर उपलब्ध रहती है।
🔹 हर दिन की रिपोर्ट अब मोबाइल पर
सहायक प्रशासक आशीष पलवड़िया के अनुसार, “अब हर दिन यह रिकॉर्ड रहेगा कि कितने श्रद्धालुओं ने प्रोटोकॉल दर्शन किया, उन्हें नंदी हॉल या जलद्वार तक दर्शन की अनुमति दी गई और पूरी प्रक्रिया कितनी पारदर्शी रही।”
यह व्यवस्था अक्टूबर के पहले सप्ताह से शुरू की गई है और इसके सकारात्मक नतीजे भी सामने आ रहे हैं।
🔹 क्यों जरूरी पड़ी डिजिटल मॉनिटरिंग
महाकाल मंदिर में हर साल लाखों श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं, जिनमें से कई प्रोटोकॉल दर्शन व्यवस्था के तहत विशेष अनुमति से दर्शन करते हैं।
इसके लिए प्रति व्यक्ति ₹250 मंदिर को दान स्वरूप देना अनिवार्य है।
हालांकि पिछले वर्ष इस व्यवस्था में अनियमितताओं और अवैध वसूली के कई मामले सामने आए थे।
कई बार अधिक लोगों को प्रोटोकॉल के नाम पर अंदर भेजा गया और कुछ कर्मचारियों पर पैसों की हेराफेरी के आरोप लगे थे।
इन्हीं गड़बड़ियों पर रोक लगाने के लिए अब मंदिर समिति ने पूरी प्रक्रिया को डिजिटल और ऑनलाइन किया है, ताकि हर वीआईपी एंट्री रिकॉर्ड में रहे और पारदर्शिता बनी रहे।
🔹 10 महीने पहले उजागर हुआ था अवैध वसूली का रैकेट
करीब 10 महीने पहले महाकाल मंदिर में वीआईपी और प्रोटोकॉल दर्शन के नाम पर अवैध वसूली का बड़ा मामला सामने आया था।
इसमें कुछ कर्मचारियों, पुरोहितों और सुरक्षा गार्डों पर श्रद्धालुओं से ₹1100 से ₹2000 तक वसूलने के आरोप लगे थे।
मंदिर समिति ने जांच के बाद 13 लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई और 6 कर्मचारियों को निलंबित किया गया।
इसी घटना के बाद मंदिर प्रशासन ने पूरी प्रोटोकॉल व्यवस्था को डिजिटलाइज करने का निर्णय लिया।
🔹 अब मंदिर में पारदर्शिता और जवाबदेही
नई व्यवस्था के बाद अब यह स्पष्ट रहेगा कि
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कौन VIP श्रद्धालु कब आया,
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कितने लोगों ने दर्शन किए,
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और किस कर्मचारी की जिम्मेदारी रही।
इससे अवैध वसूली पर रोक लगेगी और महाकाल मंदिर की छवि अधिक पारदर्शी और विश्वसनीय बनेगी।
