जनसूनवाई में शिकायत,डेढ माह बाद भी ग्रामीणों को नहीं मिली निजात पटवारी के निशाने पर शिकायतकर्ता सैंकडों ग्रामीण

 

 

उज्जैन । जनसुनवाई में डेढ माह पहले हुई शिकायत के बाद भी सैंकडों ग्रामीणों की पटवारी नाम की शिकायत से निजात नहीं मिली है। ग्रामीणों ने शिकायत पर हस्ताक्षर के साथ मोबाईल नंबर भी शिकायत में देते हुए पटवारी को क्षेत्र से हटाने का पक्ष रखा था इसके बाद भी उनकी कोई सुनवाई नहीं हुई है। अब चंद ग्रामीण पटवारी के निशाने पर हैं।

मामला है उज्जैन ग्रामीण राजस्व अनुभाग में ग्राम चंदेसरी का पटवारी हल्का नं 36 के पटवारी विश्वेश्वर शर्मा की ग्रामीणों ने 15 अप्रेल की जनसुनवाई में पहुंचकर अधिकारियों के समक्ष शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत पर हस्ताक्षर करने वाले किसानों ने 4 पेजी हस्ताक्षर सहित अधिकारियों के हाथ में शिकायत देते हुए बताया था कि हम सभी की कृषि भूमि ग्राम चंदेसरी में स्थित हैं । कृषि भूमि संबंधित सीमांकन, बटांकन, फौती नामांतरण, छटनी आदि कार्यों बाबत जब पटवारी से निवेदन किया जाता है तो उनके द्वारा कार्य करने में टालमटुल व लापरवाही की जाती है। इस कारण से कृषकगणों को कई सारे मामलों में अत्यधिक परेशानियों का सामना करना पड रहा है । समस्या हो रही है। पटवारी से कार्य करने का बोला जाता है तो उनका जवाब होता है कि जमीन कितने में बेचोगे । पटवारी गांव के जमीन की दलाली में शामिल होने लगा है।  कृषकगण जमीन नहीं बेचने का बोलते है तो जानबुझकर गलत सीमांकन कर दिया जाता है। ग्रामीणजनों को आपस में लडवाने का कार्य किया जा रहा है। पटवारी के कारण गांव में कोई गंभीर घटना घटित हो सकती है ऐसी स्थिति में किसी भी प्रकार की गंभीर घटना के लिए पटवारी विश्वेश्वर शर्मा ही दोषी रहेगा।

ग्रामीणों ने पटवारी विश्वेश्वर शर्मा के विरुद्ध कार्यवाही करते हुए उन्हें हल्का से हटाने के साथ ही किसी अच्छे पटवारी की गांव में नियुक्ति की मांग रखी थी।

डेढ माह बाद भी कुछ नहीं-

खास बात तो यह है कि ग्रामीणों द्वार की गई गंभीर मसलों पर जनसुनवाई की शिकायत पर डेढ माह बाद भी कुछ नहीं हुआ है । न तो मसले पर जांच के लिए किसी को नियुक्त ही किया गया है और न ही ग्रामीणों को ही जांच करने वाले अधिकारी की ही जानकारी दी है। उल्टा जिन ग्रामीणों ने शिकायत पर हस्ताक्षर किए थे वे अब पटवारी के निशाने पर आ गए हैं।

 

 

 

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