दैनिक अवंतिका उज्जैन।
उज्जैन के पास उन्हेल से 10 किमी दूर गुराड़िया सांगा गांव से थोड़ा आगे चलते ही शिप्रा नदी के पास सड़क किनारे बना यह मंदिर घड़ी वाले बाबा के नाम से प्रसिद्ध हो चुका है। यहां देशभर से श्रद्धालु अपनी मन्नतें लेकर आते हैं और बाबा के दरबार में श्रद्धा से घड़ियां चढ़ाते हैं। कई सालों से यह सिलसिला चला आ रहा है। अब हालात यह है कि मंदिर के आसपास खेतों में चढ़ाई गई घड़ियों का ढेर लग गया है।
अब तक हजारों की संख्या में लोग यहां घड़ी चढ़ा चुके हैं। दरअसल बाबा के दरबार में आकर लोग दर्शन-पूजन करते हैं और प्रसाद की जगह घड़ी चढ़ाते हैं। यहां बाबा के सामने घड़ी रखी जाती है। लेकिन बाद में उसे एक तरफ रख दिया जाता है। अब तक इतनी घड़ियां चढ़ चुकी है कि हजारों घड़ी पास के खेत में पड़ी देखी जा सकती है। खेत के अलावा पेड़ तक पर घड़ियां लटकी हुई है। रोजाना ही कोई न कोई श्रद्धालु आकर घड़ी आवश्य चढ़ाता है। मंदिर तो छोटा सा है लेकिन इसकी ख्याती दूर-दूर तक फेली है।
कुछ साल पहले ही मंदिर चर्चा
में आया, अब हजारों लोग आ रहे
घड़ी वाले बाबा के यहां अब हजारों लोग आते हैं। आसपास के ग्रामीण बताते हैं कि कुछ साल पहले ही यह मंदिर अस्तित्व में आया है। इसके बाद धीरे-धीरे लोग यहां आने लगे और चर्चा का विषय बन गया। मंदिर में पेड़ के नीचे सिंदूर की मूर्ति स्थापित है। लोग इन्हें बाबा कहते हैं और यहां आकर मन्नत मांगते हैं जब मन्नत पूरी हो जाती है तो घड़ी दान करते हैं।
सोशल मीडिया पर वायरल के
बाद ज्यादा फेमस हुआ यह मंदिर
घड़ी वाले बाबा का यह मंदिर उस समय फेमस हो गया जब कुछ लोगों ने यहां मोबाइल से रील बनाई और उसे सोशल मीडिया पर वायरल कर दिया। इसके बाद मीडिया की नजर में आया और फिर एक के बाद एक न्यूज चैनलों में अखबारों में इसकी खबरें प्रकाशित होती चली गई। चढ़ाने का सिलसिला शुरू हुआ, तो सोशल मीडिया प्लेटफार्म पर रील बनाने वाले आकर्षित हुए। अब लोग यहां आते हैं और घड़ी चढ़ाते हुए अपना फोटो-वीडियो लेकर रील बनाकर सोशल मीडिया पर वायरल करते हैं जिससे और लोग इस मंदिर को देखने पहुंचते हैं।