उज्जैन, इंदौर, खरगौन, बुरहानपुर सहित कुछ अन्य जिलों में आंदोलन की राह पर
ब्रह्मास्त्र उज्जैन
अपनी मूलभूत मांगों को लेकर नाराज किसानों से सामंजस्य बैठाने में प्रदेश सरकार एवं उसकी अफसरशाही नाकाम साबित हो रही है। प्रदेश के आधा दर्जन से अधिक जिलों में किसान आंदोलन की राह पर हैं। उज्जैन में लैंड पुलिंग का जिन्न एक बार फिर से बोतल से बाहर आ गया है। किसान संघर्ष समिति सिंहस्थ मेला क्षेत्र की जमीन का गजट नोटिफिकेशन पर फिर उबल पडी है। भारतीय किसान संघ पूर्व से ही उनके समर्थन में मैदान में है।
उज्जैन में किसान संघर्ष समिति ने एक बार पून: प्रशासनिक निर्णयों पर आपत्ति लेते हुए बैठक की है और इसमें जमकर किसानों ने नाराजगी जताई है। जनआंदोलन एवं कानूनी पहल की शुरूआत की जाने वाली है। खरगौन में कपास खरीदी में सीसीआई का ढीला रवैया देखते हुए गुस्साए किसानों ने मंडी गेट पर धरना-प्रदर्शन किया है। बुरहानपुर में किसानों ने केले की फसल का बीमा लाभ और न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर खरीदी की मांग को लेकर धरना दिया है। लंबित समस्याओं और सरकार की नीतियों के विरोध में सोमवार को भोपाल में किसान मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने भी पहुंचे थे।
उज्जैन: रविवार को एक बार फिर से किसान संघर्ष समिति जागृत हो गई। समिति ने बड़नगर रोड के मुरलीपुरा चौराहा स्थित गायत्री मंदिर में बैठक की। मामला था किसानों की बगैर सहमति सिंहस्थ मेला क्षेत्र की जमीन के लिए धारा 50 उपधारा (11) के अधीन नगर विकास स्कीम की घोषणा के माध्यम से गजट नोटिफिकेशन किया जाना। बैठक में उपस्थित सैंकडों किसानों ने इस पर जमकर नाराजगी जताते हुए साफ शब्दों में कहा कि मेला क्षेत्र में स्थाई कामों के लिए जमीन देने को तैयार नहीं थे और अब भी नहीं देंगे। इस दौरान साफ किया गया कि प्रशासनिक हठधर्मिता को लेकर किसान संघर्ष समिति कमिश्नर के समक्ष आपत्तियां लगाएंगे और यहां बात नहीं बनी तो हाईकोर्ट तक जाएंगे। शासन-प्रशासन सिंहस्थ 2028 के लिए लैंड पुलिंग के तहत मेला क्षेत्र में मूलभूत सुविधाओं के तहत सड़क-बिजली-पेयजल लाइन आदि के स्थाई काम करवाना चाहता है।
इस तर्क के साथ कि इससे अस्थाई कामों से होने वाली परेशानी से बचा जा सकेगा। जबकि किसान और जमीन मालिक लैंड पुलिंग व शासन की इस प्लानिंग के खिलाफ है। इस बैठक में आशुतोष उपाध्याय, रामेश्वर पटेल, देव सिंह, जगदीश यादव, माखन यादव, कमल चौधरी, चरण पटेल आदि सहित सैंकडों किसान इसमें मौजूद थे। सभी का एकमत था कि पहले जिस तरह से अस्थाई तौर पर जमीन अधिगृहीत करके मेला लगाया जाता रहा है, सरकार वैसा ही अब भी करे।
ल्ल खरगौन:गुस्साए किसानों का मंडी गेट पर धरना-प्रदर्शन- सीसीआई की कपास खरीदी में देरी से किसानों ने मंडी गेट पर धरना दिया और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। बताया जा रहा है कि कलेक्टर ने कपास में 25 प्रतिशत नमी स्वीकार करते हुए खरीदी शुरू करने के निर्दश दिए हैं। जिले में कपास की सरकारी खरीदी शुरू न होने से नाराज किसानों ने को कपास मंडी गेट पर धरना प्रदर्शन किया। राष्ट्रीय किसान मजदूर महासंघ के नेतृत्व में किसानों ने मंडी गेट पर तालाबंदी करने की कोशिश की, लेकिन मौके पर मौजूद पुलिस बल और जिला प्रशासन के अधिकारियों ने उन्हें रोक लिया। किसानों का कहना है कि कॉटन कॉपोर्रेशन आॅफ इंडिया (सीसीआई) द्वारा लगातार आश्वासन दिए जाने के बावजूद अभी तक खरीदी प्रारंभ नहीं की गई है। धरना स्थल पर मौजूद महासंघ के संगठन मंत्री गोपाल पाटीदार ने बताया कि किसानों के पास सूखा कपास है लेकिन सीसीआई नमी का हवाला देकर खरीदी से बच रही है।
ल्ल बुरहानपुर: अर्द्धनग्न हुए किसान- किसानों का आक्रोश फूट पड़ा और उन्होंने केले की फसल का बीमा और एमएसपी की मांग को लेकर अर्धनग्न होते हुए जमकर प्रदर्शन किया। अपना आक्रोश जताने के लिए हजारों की संख्या में जमा हुए किसानों ने पहले तो अर्धनग्न होकर खकनार क्षेत्र से ट्रैक्टरों की एक विशाल रैली निकाली और इस दौरान जिला प्रशासन के खिलाफ भी जमकर नारेबाजी भी की। अपने विरोध प्रदर्शन को लेकर एक किसान ने बताया, ‘यह बड़े दुर्भाग्य की बात है कि आज हमारे देश और प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी की सरकार है, जो कि अपने आप को किसान हितैषी सरकार बताती है। लेकिन पूरे प्रदेश में ही किसान फसल बीमा योजना को लेकर या खाद की समस्या को लेकर या ऐसी कई अन्य समस्याओं को लेकर परेशान हैं। भाजपा की यह सरकार कुंभकरण की नींद सो रही है। आज किसान सड़कों पर है, और अन्नदाता परेशानी झेल रहा है। लेकिन सरकार को किसानों का दर्द नहीं दिखाई दे रहा है। तो इसी के चलते आज सभी किसान भाइयों को साथ लेकर यह ट्रैक्टर रैली निकाली गई है।’ वहीं एक अन्य किसान ने विरोध को लेकर बताया कि आज किसानों में आक्रोश है, जिसके चलते ही हमें सड़क पर उतरकर, आंदोलन करने के लिए मजबूर होना पड़ा है। अनियमितता हो रही है, और उसकी नुकसानी का उन्हें उचित मुआवजा भी नहीं मिल पा रहा है। रैली खत्म होने के बाद किसान एकजुट होकर बुरहानपुर कलेक्टर कार्यालय पहुंचे, जहां उन्होंने आॅफिस का घेराव कर अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपा। इस दौरान किसानों ने चेतावनी दी कि अगर उनकी मांगें जल्द नहीं मानी गईं, तो और ज्यादा उग्र आंदोलन किया जाएगा। यह सिर्फ अभी एक चेतावनी है। अगर अब भी सुनवाई नहीं हुई तो किसान बड़ा और उग्र आंदोलन करने को तैयार हैं। क्योकि देश के अन्नदाता की ही नहीं सुनी जाएगी तो फिर किसकी सुनेंगे। इसलिए फसल का दाम बढ़ना चाहिए, और एमएसपी लागू होना चाहिए।
ल्ल इंदौर:लंबित समस्या एवं सरकार की नीतियों का विरोध- संयुक्त किसान मोर्चा मध्यप्रदेश प्रदेश के किसानों की लंबित समस्याओं और सरकार की नीतियों के विरोध में सोमवार को भोपाल में मुख्यमंत्री निवास का घेराव करने पहुंचा था। यह प्रदर्शन सुबह 11 बजे नीलम पार्क भोपाल से प्रारंभ हुआ। आंदोलन में प्रदेशभर से किसान और मजदूर भाग लेने पहुंचे थे लेकिन इनकी संख्या कमजोर रही। इस प्रदर्शन के माध्यम से सरकार का ध्यान किसानों द्वारा अपनी मांगों की तरफ आकर्षित किया जाना बताया गया। संयुक्त किसान मोर्चा के नेता रामस्वरूप मंत्री, बबलू जाधव, चंदनसिंह बड़वाया, शैलेंद्र पटेल ने बताया कि यह प्रदर्शन किसानों के अधिकारों की रक्षा और सरकार की नीतियों के खिलाफ एक कदम होगा। किसानों की मांग है कि भावांतर योजना समाप्त कर सभी फसलों के लिए एमएसपी की कानूनी गारंटी दी जाए। इंदौर से उज्जैन की ग्रीनफील्ड कॉरिडोर परियोजना को तत्काल निरस्त किया जाए। अहिल्यापथ योजना में प्रभावित गांवों में टीएनसी, डायवर्शन पर लगी रोक हटाई जाए। निरंजनपुर सब्जी मंडी को उपमंडी घोषित करें। आवारा पशुओं की समस्या का समाधान किया जाए। 186 किसानों का भुगतान मंडी निधि से किया जाए। बबलू जाधव ने कहा कि यदि सरकार ने किसानों की इन जायज मांगों को नजरअंदाज किया तो आंदोलन को और व्यापक रूप दिया जाएगा।
