उज्जैन में 8 साल की इच्छा बनी बाल आरक्षक
पिता की मौत के बाद SP ने 25 मिनट में सौंपी अनुकंपा नियुक्ति
उज्जैन। चौथी कक्षा में पढ़ने वाली 8 वर्षीय इच्छा रघुवंशी अब बाल आरक्षक बन गई है। उसके पिता, थाना महाकाल में पदस्थ प्रधान आरक्षक देवेंद्र सिंह रघुवंशी का 17 मई को अचानक हृदय गति रुकने से निधन हो गया था। परिवार पर दुखों का पहाड़ टूटने के बाद, 2 सितंबर को उसकी मां ने पुलिस अधीक्षक कार्यालय में अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन किया।
सिर्फ 25 मिनट में एसपी प्रदीप शर्मा ने संवेदनशीलता दिखाते हुए बच्ची को नियुक्ति पत्र सौंप दिया।
क्या है बाल आरक्षक का प्रावधान?
एसपी शर्मा ने बताया कि पुलिस विभाग में बाल आरक्षक का प्रावधान है। यदि किसी पुलिसकर्मी की सेवा काल में मृत्यु हो जाए और घर में बच्चा हो, तो उसे नौकरी दी जाती है।
-
इच्छा को फिलहाल लगभग ₹10,000 प्रतिमाह वेतन मिलेगा।
-
यह राशि उसकी पढ़ाई के लिए बैंक खाते में जमा होगी, जिसकी अभिभावक उसकी मां होंगी।
-
18 साल की उम्र पूरी होते ही इच्छा को नियमित नियुक्ति और पूरी सैलरी मिल जाएगी।
-
अभी भी उसे पुलिस का फुल-टाइम कर्मचारी माना जाएगा।
पहले भी मिले हैं उदाहरण
2020 में कोविड-19 ड्यूटी के दौरान शहीद हुए इंस्पेक्टर यशवंत पाल की बेटी फाल्गुनी पाल को उपनिरीक्षक के पद पर अनुकंपा नियुक्ति दी गई थी।
👉 यह कहानी सिर्फ संवेदनशील प्रशासन का उदाहरण ही नहीं, बल्कि उन बच्चों की उम्मीद भी है जो अपनों को खोकर जीवन की कठिन राह पर खड़े हो जाते हैं।
