इंदौर के जिला अस्पताल परिसर में कछुए को कुकूं लगाकर तंत्र क्रिया, वन मंडल नए सिरे से करेगा जांच

 

इंदौर। जिला अस्पताल परिसर में कछुए को दफनाने से जुड़े मामले में वन विभाग की नए सिरे से जांच होगी। रालामंडल अभयारण्य के एसडीओ योहान कटारा ने पंद्रह दिन पहले अपनी रिपोर्ट दी। उसके आधार पर इंदौर वन मंडल के डीएफओ ने पहले जांच स्टेट टाइगर स्ट्राइक फोर्स (एसटीएसएफ) से करवाने पर जोर दिया।
मगर एसटीएसएफ ने यह कहकर हाथ खड़े कर दिए कि उनके पास स्टाफ की कमी है।

दरअसल, 3 मई को जिला अस्पताल परिसर में कछुए को दफनाने का वीडियो सामने आया, जिसमें एक डेसर शेखर जोशी सहित एक अन्य नजर आया। मामले में इंदौर वनमंडल को शिकायत दर्ज की गई। अधिवक्ता अभिजीत पांडे ने कछुए के साथ तंत्र क्रिया करने का आरोप लगाया। रालामंडल अधीक्षक योहान कटारा ने जांच की।

रिपोर्ट में पैसों की बरसात करवाने के लिए कुछए का इस्तेमाल तंत्र क्रिया में किया। साथ ही उसके शरीर जगह-जगह कुमकुम लगा मिला। मामले में तीन संदिग्धों के बयान होना थे। मगर दो व्यक्ति ही अपना पक्ष रखे गए। एसडीओ की रिपोर्ट में एसटीएसएफ-वन विभाग और पुलिस से जांच करवाने की सिफारिश की गई थी।
उसके आधार पर पहले एसटीएसएफ से कहा गया, लेकिन स्टाफ की कमी बताकर पल्ला झाड़ लिया। इसके बाद इंदौर रेंज को 10 जून तक जांच कर रिपोर्ट देना है। डीएफओ महेंद्र सिंह सोलंकी ने कहा कि संदिग्धों के बयान दर्ज करने के अलावा कछुए का पोस्टमार्टम भी किया जाएगा।