कंठाल नदी के गहरीकरण के बगैर उद्धार नहीं, सफाई अभियान की मात्र औपचारिकता

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सुसनेर। मुख्यमंत्री की पहल पर बुधवार से जिलें में शुरू हुवें नमामि गंगे अभियान के तहत होने वाली गतिविधियों के लिए गुरूवार को नप में बैठक का आयोजन किया। जिलें में अन्य जगहों पर तालाब व नदियों के गहरीकरण का कार्य किया जा रहा है। अभियान के तहत सुसनेर नप नदी की सफाई करवाएगी। इस कार्य में जनप्रतिनिधियों व आम लोगो का सहयोग लिया जाएगा। शहर की सामाजिक संस्थाएं और शासन-प्रशासन के माध्यम से शहर की जीवनदायिनी कही जाने वाली कंठाल नदी का सफाई अभियान महज औपचारिकता ही सिद्ध होगा। क्योंकि सिर्फ सफाई की जाना जीवनदायिनी के उद्धार का पर्याप्त निराकरण नहीं है। इसका सबसे बड़ा कारण नदी में जमा मिटटी की सफाई जब तक नहीं की जाती तब तक इसका उद्धार संभव नहीं है। स्थायी निराकरण के लिए नदी का गहरीकरण किया जाना जरूरी है। नगर परिषद अभियान के तहत शहरी क्षेत्र के जल स्रोतों कुओं, बावड़ी तथा अन्य जल स्त्रोतों के संरक्षण व पुनर्जीवन के लिए अभियान के तहत कार्य करने की योजना बना रही है इसके अलावा रेन वाटर हार्वेस्टिंग,जल सरंचनाओं के केचमेंट का उपचार,जलसंरचनाओं के आसपास के अतिक्रमण को हटाना,जल संरचनाओं के जल की गुणवत्ता की जांच एवं वाटर आडिट करने की योजनाओं पर सहमति जताई है। किंतु यह योजना धरातल पर कितनी उतरेगी यह तो अभी तक के अभियानों की असफलता से समझा जा सकता है। सीएमओं ओ.पी.नागर ने अपील की है कि मानव जीवन के सुरक्षित भविष्य के लिए पर्यावरण संरक्षण व जल संवर्धन के इस अभियान में अधिक से अधिक संख्या में शामिल हों। अभियान में शहर की जीवन दायिनी कंठाल नदी पर सफाई अभियान चलाया जाएगा।बैठक में नप अध्यक्ष प्रतिनिधी राहुल सिसोदिया,पार्षद प्रतिनिधी युगल परमार,जितेंद्र सांवला,ईश्वर कांवल,पार्षद नईम अहमद मेव,उपयमंत्री अरूण गोड,लेखापाल जमीलउर रहमान,स्टोर शाखा प्रभारी अखलाख अहमद आदि मौजूद थें।