मोहन सरकार का पहला बजट जुलाई में, विभाग कर रहे तैयारी

 

सवा तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक का हो सकता है बजट

भोपाल। प्रदेश की डा. मोहन यादव सरकार का पहला पूर्ण बजट जुलाई में प्रस्तुत होगा। वित्त के साथ-साथ अन्य विभाग भी इसकी तैयारी में जुट गए हैं। सभी से मई के अंत तक प्रस्ताव भेजने के लिए कहा गया है। बताया जा रहा है कि इस बार बजट सवा तीन लाख करोड़ रुपये से अधिक का हो सकता है।
इसमें कर्मचारियों को 56 प्रतिशत की दर से महंगाई भत्ता देने, तीन प्रतिशत वेतन में वृद्धि, संविदा कर्मचारियों के पारिश्रमिक में आठ प्रतिशत की वृद्धि के हिसाब से प्रावधान रखे जाएंगे। केंद्र सरकार की सभी योजनाओं के लिए प्राथमिकता के आधार पर अंशदान विभागों को रखना होगा।
गौरतलब है कि लोकसभा चुनाव के कारण सरकार ने पूर्ण बजट प्रस्तुत न करके एक लाख 45 हजार करोड रुपये का लेखानुदान प्रस्तुत किया था। जुलाई 2024 तक के लिए यह व्यवस्था की गई है। इसमें किसी तरह कर संबंधी नए प्रस्ताव तथा व्यय के नए मद सम्मिलित नहीं किए। द्वितीय अनुपूरक बजट में कुछ नई योजनाएं शामिल कर ली गई थीं। अब विभागों ने बजट की तैयारी प्रारंभ की है।

वित्त विभाग ने सभी विभागों को पत्र लिखकर कहा कि आवश्यक व्यय के प्रावधान प्राथमिकता के आधार पर सुनिश्चित किए जाएं। केंद्र सरकार के अनुसार महंगाई भत्ता और राहत के लिए बजट स्थापना व्यय में रखें। इसकी गणना ठीक से कराएं ताकि कोई समस्या न आए।

केंद्र सरकार की सभी योजनाओं के लिए राज्यांश पर्याप्त मात्रा में रहे। अधोसंरचना विकास के कार्य मध्य प्रदेश सरकार की प्राथमिकता में हैं, इसलिए उनके प्रस्ताव समय से भेजें।

प्रशासकीय स्वीकृति की बाद ही भेजेंं नई योजनाएं

वित्त विभाग ने सभी विभागों से कहा है कि वे नई योजनाओं के प्रस्ताव प्रशासकीय स्वीकृति के बाद ही भेजें। इसमें उसका औचित्य और क्या लाभ होगा, उसका विवरण अवश्य दें। यदि कोई ऐसी योजना, जो केंद्र सरकार द्वारा भी संचालित की जा रही है तो उसके संविलियन का प्रस्ताव दें। जिन योजनाओं के लक्ष्य पूर्ण हो चुके हैं, उन्हें बंद करने की प्रक्रिया करें।