मंदिर की चौखट पर उम्मीदवार….जीत के लिए  तंत्र  पूजा  का भी  सहारा, उम्मीदवारों की तेज हो गई धड़कने

उज्जैन। लोकसभा चुनाव का मतदान 13 मई को होना है और इस दिन में आज से महज पांच दिन ही बचे हुए है। अर्थात मतदान दिवस की उलटी गिनती शुरू हो गई है, लिहाजा चुनावी मैदान में किला लड़ा रहे बीजेपी और कांग्रेसी उम्मीदवारों की धड़कने तेज हो गई है वहीं मंदिर की चौखट पर भी ये प्रत्याशी पहुंच रहे है। इधर जानकारी यह भी मिली है कि अपनी जीत के लिए पूजा पाठ और तंत्र पूजा का भी सहारा लिया जा रहा है।
यूं देखा जाए तो किसी विशेष मनोकामना के लिए या फिर किसी बड़े पद को हांसिल करने के लिए तंत्र और तांत्रिकों का सहारा लिया जाता रहा है और इसके उदाहरण उज्जैन में भी कई बार सामने आ चुके है कि किसी नेता या फिर किसी अभिनेता आदि ने किसी तांत्रिक से अपने किसी विशेष कार्य के लिए उज्जैन में पूजा करवाई हो। चूंकि उज्जैन तंत्र की भूमि मानी जाती है लिहाजा यहां न केवल देश भर के तांत्रिक साधना के लिए आते है वहीं किसी विशेष व्यक्ति के लिए भी तंत्र पूजा आदि संपन्न कराने के लिए तांत्रिकों का आगमन होता ही रहता है। इधर जानकारी मिली है कि उम्मीदवारों को जीत दिलाने के लिए तंत्र मंत्र का सहारा तो लिया ही जा रहा है वहीं विशेष अनुष्ठान भी हो रहे है। हालांकि यह स्पष्ट नहीं हो सका है कि दोनों पार्टियों के किस उम्मीदवार के लिए तंत्रोक्त अनुष्ठान हो रहा है लेकिन इतना जरूर सामने आया है कि जो भी पूजा करवा रहा है वह गोपनीय रूप से ही हो रही है। बता दें कि उज्जैन में हरसिद्धि मंदिर के साथ ही काल भैरव, विक्रांत भैरव और गढ़कालिका मंदिर ऐसे स्थान है जहां विशेष अनुष्ठान किए जाते है वहीं चक्रतीर्थ पर तो खास मौकों पर तांत्रिकों का डेरा जमा ही रहता है।  गौरतलब है कि उज्जैन में कालों के काल महाकाल विराजमान है। महाकाल ज्योर्तिलिंग दक्षिण मुखी है इसलिए उज्जैन का महत्व तंत्र शास्त्र और तंत्र क्रिया में और अधिक बढ़ जाता है। उज्जैन का चक्रतीर्थ, ओखलेश्वर आदि के साथ ही काल भैरव, गढ़कालिका जैसे मंदिर भी तंत्र साधना के प्रमुख केंद्र माने जाते हैं। बाबा डबराल जैसे भैरव तंत्र साधक भी उज्जैन की भूमि पर हुए हैं। इसके अलावा कई साधक भी समय-समय पर उज्जैन आकर तंत्र साधना करते हैं।