उज्जैन। सीमावर्ती गांव टंकारिया पंथ के सदस्यों ने अध्यक्ष पर गंभीर आरोप लगाए है। निष्कासित सदस्यों का आरोप है कि समिति के 50 सदस्यों को अध्यक्ष ने बगैर सूचना दिए बाहर कर दिया और अपने परिवार के लोगो को सदस्य बना लिया। निष्कासित सदस्यों ने जन सुनवाई में शिकायत की है। राष्ट्रीय मछुआ संघ मत्स्य उद्योग सहकारी समिति मर्यादित टंकारिया पंथ के करीब दो दर्जन पूर्व सदस्य मंगलवार को कलेक्टर जन सुनवाई में पहुंचे। उन्होंने शिकायत की कि समिति सदस्य राधेश्याम बाथम ने बगैर सूचना समिति के 50 से अधिक सदस्यों को बाहर कर दिया और उसके स्थान पर अपने और परिवार के लोगों को सदस्य बना लिया। बीते 20 साल से वह अध्यक्ष पद पर काबिज है और हर साल दो तीन सदस्यों को बाहर कर देता है। तालाब पर सबसे ज्यादा टंकारिया पंथ के गांव के लोगों का अधिकार है लेकिन उसने अन्य गांवों के लोगों को सदस्य बना लिया है। जिस वजह से उन लोगो को गुजर बसर के भी लाले पड़ रहे है। मामले में राधेश्याम बाथम का कहना है कि उसने किसी सदस्य को निष्कासित नहीं किया है। सारे आरोप निराधार है।