दैनिक अवंतिका उज्जैन। महाकाल मंदिर की सुरक्षा की जांच करने के लिए जल्द ही एनबीसी की टीम आएगी। मंदिर में श्रद्धालुओं के लिए भी कई नियमों पर सख्ती होने वाली है। इसमें सबसे महत्वपूर्ण इलेक्ट्रॉनिक कैमरे, मोबाइल ओर बैग रहेंगे। ये तीनों सामान किसी भी कीमत पर अंदर नहीं ले जाए जा सकेंगे। 

मंदिर में 25 मार्च को होली पर्व के दौरान भस्मारती में गर्भगृह में लगी आग में 14 लोगों के झुलसने की घटना होने व एक सेवक की मौत हो जाने के बाद अब मंदिर की सुरक्षा को लेकर बड़े कदम उठाए जा रहे हैं। उज्जैन कलेक्टर ने अफसरों की टीम को देश के चार बड़े मंदिरों की व्यवस्थाएं देखने के लिए भी भेजा था। टीम वापस लौट आई है और उन्होंने कई ऐसे बिंदू कलेक्टर के समक्ष प्रस्तुत किए है जो कि मंदिर में बदलाव करने को मजबूर कर रहे हैं।

एनबीसी की टीम मंदिर में देखेंगी किस 

क्षेत्र में कितने श्रद्धालु खड़े रह सकते हैं 

कलेक्टर ने बताया कि सबसे पहले सुरक्षा जरूरी है इसके लिए जल्द ही एनबीसी यानी नेशनल बिल्डिंग कोड की टीम उज्जैन आकर महाकाल मंदिर का निरीक्षण करेगी। टीम यह देखेगी कि मंदिर के किस क्षेत्र में एक बार में अधिकतम कितने श्रद्धालु खड़े रह सकते हैं। महाकाल मंदिर में लगी आग की घटना की कलेक्टर ने भी मजिस्ट्रियल जांच कराई थी। इसकी भी प्रारंभिक रिपोर्ट आ चुकी है। अंतिम रिपोर्ट बाकी है। जांच अधिकारियों ने जो रिपोर्ट कलेक्टर को सौंपी है। इसके आधार पर ही कलेक्टर ने अफसरों की टीम देश के चार बड़े मंदिरों में व्यवस्थाओं का जायजा लेने भेजी थी। टीम ने वहां से लौटकर अपने सुझाव दे दिए है।

मंदिर में सेफ एंट्री, एग्जिट बनाए जाएंगे, फायर 

ऑफिसर होगा और मोबाइल कैमरे के लिए रैक

महाकाल मंदिर के प्रशासक मृणाल मीणा ने बताया कि चार बड़े मंदिर में अधिकारी दर्शन व्यवस्था मंदिर की सेफ्टी इंट्री, एग्जिट सहित सुरक्षा के उपाय भी देखकर लौटी है। अब जल्द ही मंदिर में एक फूल टाइम फायर सेफ्टी अधिकारी नियुक्त करेंगे। इसके साथ ही अन्य मंदिरों की तरह गर्भगृह में लिमिटेड एंट्री का सुझाव आया है, जिसे जल्द लागू किया जाएगा। एक भी इलेक्ट्रॉनिक कैमरे मोबाइल बेग मंदिर में प्रवेश ना कर पाए। इसके लिए बड़े रेक तैयार किये जाएंगे। साथ ही रखने के लिए ऑनलाइन के साथ ऑफलाइन सिस्टम को भी शुरू किया जाएगा ताकि भक्तों को मोबाइल कैमरे रखने में ज्यादा समय नहीं लगे।