April 30, 2024

 

-इंदौर में उपचार में रिकवरी पर्याप्त नहीं होने पर डाक्टरों की सलाह पर मुंबई रैफर किया गया था

उज्जैन। धुलेंडी (होली का दुसरा दिन) श्री महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में गुलाल से आग भभकी थी। इसमें पंडे,पुजारी,कर्मचारी,सेवक सहित कुल 14 लोग झूलसे थे। मंगलवार देर रात को सेवक सत्यनारायण सोनी 79 वर्ष का मुंबई में उपचार के दौरान निधन हो गया। बुधवार को उनके शव को उज्जैन लाया गया और चक्रतीर्थ श्मशान पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। कलेक्टर नीरज कुमारसिंह ने इसकी पुष्टि की है।

25 मार्च की तडके भस्मार्ती के दौरान श्री महाकालेश्वर मंदिर के गर्भगृह में आग भभक गई थी। इस घटना में पुजारी,पुरोहित, कर्मचारी, सेवक सहित 14 लोग झुलस गए थे। इन्हें तत्काल जिला अस्पताल में भर्ती कर प्राथमिक उपचार के बाद सभी को इंदौर के अरबिंदो अस्पताल में भर्ती कर शासन खर्च पर उपचार किया जा रहा था। इन्हीं घायलों में अवंतिपुरा निवासी सेवक सत्यनारायण सोनी 25-30 फीसदी झुलसे थे। रिकवरी काफी कमजोर होने से दो दिन पूर्व रविवार को उन्हें  बेहतर उपचार के लिए मुंबई भेजा गया था। मंगलवार देर रात उनकी वहां मौत हो गई। बुधवार को पूर्वान्ह उनके शव को उज्जैन उनके निवास लाया गया। वहां से निकली शवयात्रा में महाकाल के पंडे,पुजारी, मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक,प्रशासनिक अधिकारी एवं अन्य लोग शामिल हुए । स्थानीय चक्रतीर्थ श्मसान पर उनका अंतिम संस्कार किया गया। कलेक्टर नीरज कुमार सिंह बताते हैं कि श्री सोनी घटना में 25-30 फीसदी झुलसे थे। अरबिंदों अस्पताल में उनके साथ अन्य 13 लोग भी उपचारत रहे हैं। 10 लोग पूर्ण स्वस्थ होकर घर लौट चूके हैं। श्री सोनी डायबिटीज से ग्रसित थे साथ ही उम्र ज्यादा होने की वजह से रिकवरी कमजोर देखते हुए उन्हें चिकित्सकों के परामर्श पर मुंबई इलाज के लिए शासन खर्च पर उन्हें मुंबई उपचार के लिए भेजा गया था। 3 लोगों का अब भी अरबिंदों इंदौर में उपचार जारी है। घटना को लेकर दो सदस्यीय मजिस्ट्रीयल जांच की अंतरिम रिपोर्ट पर तत्कालीन प्रशासक संदीप सोनी को हटा दिया गया है। झूलसे तीन लोगों के बयान होने के बाद ही पूरी रिपोर्ट की स्थिति बनेगी। मंदिर में लगी सुरक्षा एजेंसी को भी नोटिस दिया गया है। गुलाल में कुछ तत्व ऐसे थे जिसे उडाने पर भस्मार्ती के दौरान की जाने वाली आरती में आग भभकी।

 

भस्मआरती में पर्दा करने की आवाज लगाते थे-

सेवक सोनी पिछले कई वर्षों से सोनी महाकाल मंदिर में कई वर्षों से नियमित रूप से अल सुबह होने वाली भस्म आरती में शामिल हो रहे थे  वे आरती, पूजा के दौरान पुजारी का भी सहयोग करते थे तथा भगवान महाकाल की सेवा में लगे रहते थे। सोनी ही वह व्यक्ति थे जो महाकाल मंदिर की भस्म आरती में बाहर नंदीहॉल में आकर महिला श्रद्धालुओं से निवेदन करते थे कि भगवान महाकाल को भस्मी चढ़ने वाली है और महिलाएं भस्मी चढ़ते नहीं देखती है। इसलिए महिलाएं घुंघट निकाल ले और भस्मी चढ़ने के बाद में वापस आवाज लगाकर घूंघट भी हटवाते थे।