April 28, 2024

 

 

इंदौर। आचार संहिता के कारण मंडी में किसानों को उपज का भुगतान मिलना बंद हो गया है। उपज का नगद भुगतान नहीं मिल रहा है। किसानों ने नगद भुगतान की व्यवस्था करने की मांग की है। आम चुनाव की आचार संहिता से मंडी में कारोबारी और उपज बेचने आने वाले किसान भी प्रभावित हो रहे हैं। चुनाव की घोषणा होने के बाद से मंडी में नकद भुगतान रुकने लगा है। वहीं बाजार में भी कारोबारी अब दो लाख रुपये से ऊपर की रकम लेकर नहीं चल रहे हैं। मंडी में उपज बेचने वाले किसानों को दो लाख रुपये तक की राशि नकद ही देने का प्रावधान प्रशासन ने किया है।
किसान शिकायत कर रहे हैं कि दो-तीन दिन से व्यापारियों ने नकद भुगतान से इन्कार कर दिया है। इस बीच कुछ कारोबारियों पर किसानों का भुगतान रोकने का आरोप लगा है। किसानों के अनुसार मंडी प्रशासन कार्रवाई करने की बजाय खामोश बैठा है। आयकर के नियमों के अनुसार 20 हजार रुपये से ज्यादा राशि का भुगतान नकद नहीं किया जा सकता। हालांकि किसानों की फसल बेचने के मामले में आयकर के इस नियम से छूट है।

नगद भुगतान की व्यवस्था लागू करने की मांग —

किसान मलखान सिंह, शेरसिंह मकवाना, गुलाब सिंह पिछले तीन दिनों से मंडी में उपज लेकर आ रहे किसानों को नकद भुगतान नहीं हो पा रहा है। व्यापारी चुनाव का बहाना बना रहे हैं। वैवाहिक सीजन है और गांव में शादी ब्याह के चलते किसानों को पैसों की जरूरत है, लेकिन व्यापारियों का कहना है कि वे नगद भुगतान नहीं कर पाएंगे। इस संबंध में किसान संगठनों ने कलेक्टर को भी पत्र लिखकर नगद भुगतान की व्यवस्था को लागू करने की मांग करने का निर्णया लिया है।