इंदौर में ओमिक्रॉन नहीं, लेकिन कोरोना मरीजों की बढ़ रही संख्या

7 साल से 65 साल तक के बुजुर्ग भी निकले पॉजिटिव, जिनका चल रहा इलाज

ब्रह्मास्त्र इंदौर। शहर में कोरोना पॉजिटिव मरीजों का आंकड़ा बढ़ता जा रहा है। इंदौर के एमआरटीबी अस्पताल में मरीजों का ट्रीटमेंट चल रहा है। डॉ. सलिल भार्गव (प्रोफेसर एंड हेड रेस्पिरेटरी मेडिसिन, एमजीएम मेडिकल कॉलेज और एमआरटीबी अस्पताल प्रभारी) के अनुसार फिलहाल डेल्टा वैरिएंट से संक्रमित मरीज ही सामने आ रहे हैं। हालांकि ये उनके फेफड़ों और अन्य अंगों को ज्यादा प्रभावित नहीं कर रहा।
डॉ. सलिल भार्गव के मुताबिक एमआरटीबी अस्पताल में फिलहाल 10 से ज्यादा मरीजों का इलाज चल रहा है। इसमें 7 साल की उम्र के बच्चे से लेकर 65 साल के बुजुर्ग तक शामिल हैं। ये सभी पिछले कुछ दिनों से यहां इलाज करा रहे हैं। पहले 2 या 3 मरीज ही आ रहे थे, कुछ दिनों से इनकी संख्या बढ़ गई है। अस्पताल में मरीजों को क्वारेंटाइन और उपचार के लिए रखा जाता है। इसमें ज्यादातर मरीज स्वस्थ्य हैं। इन्हें सर्दी-खांसी और बुखार के लक्षण हैं।
इसमें से एक मरीज हैं, जिन्हें डायबिटीज है। उनका विशेष ध्यान रखा जा रहा है। उन्हें रेमडेसिविर इंजेक्शन देने के साथ अन्य इलाज भी किया जा रहा है। उन्होंने यह भी बताया कि जैसे पिछली बार कोविड के बाद मरीजों में ब्लैक फंगस भी नजर आ रहा था। फिलहाल वैसा कुछ नहीं है। वर्तमान में जिन मरीजों का इलाज चल रहा है, उनमें ब्लैक फंगस के लक्षण नजर नहीं आ रहे।

पुराने प्रोटोकॉल के अनुसार ही इलाज, कुछ नई दवा

उन्होंने बताया कि कोविड मरीजों का पुराने प्रोटोकॉल के अनुसार ही इलाज किया जा रहा है। गवर्मेंट ऑफ इंडिया जो हमें निर्देश देती है, वही ट्रीटमेंट मरीजों को दिया जाता है। अभी इसमें कोई मेजर चेंज नहीं आया है। मरीजों को स्टेरॉयड जरूरत के आधार पर, रेमडेसिविर इंजेक्शन सहित एंटीबायोटिक, स्पोटिव ट्रीटमेंट अभी वैसे ही चल रहा है। एक-दो नई दवा जरूर डीआरडीओ के माध्यम से मिली है। वह भी अब इंदौर में उपलब्ध हो चुकी है। जरूरत के अनुसार ही यह दवा उपयोग में लाई जा रही है। फिलहाल एक ही मरीज हैं, जिन्हें रेमडेसिविर इंजेक्शन की जरूरत पड़ रही है। हालांकि इंदौर में कोविड के डेल्टा वेरिएंट से ग्रसित ही मरीज सामने आ रहे हैं, इसलिए स्थिति पहले जैसे ही है। इसमें खास फर्क नजर नहीं आ रहा है। अभी जो मरीज भर्ती हैं, उसमें एक ही मरीज में थोड़ा सा लंग्स इन्वॉल्वमेंट देखने को मिला है। मगर, ये संक्रमण लंग्स और शरीर के अन्य अंगों को ज्यादा प्रभावित नहीं कर रहा है।