मप्र के मोहन यादव मंत्रिमंडल पर आज लगेगी मुहर, 30 मंत्री पर सहमति

दिल्ली में देर रात तक चलती रही भाजपा नेताओं की बैठक, कई नाम जुड़ते और मिटते चले गए

दिल्ली/इंदौर। मध्य प्रदेश के नए मोहन यादव को लेकर देर रात तक दिल्ली में भाजपा की एक बड़ी बैठक हुई। मंत्रिमंडल में 30 नए मंत्री शामिल करने पर सहमति बन गई है। अब मंत्रिमंडल में कौन होगा और कौन नहीं इसे लेकर मशक्कत चल रही है। आज मंत्रिमंडल के सभी नाम पर मुहर लगने की संभावना है। कल रात मंत्रिमंडल के लिए कई नाम जुड़ते और मिटते चले गए। खासकर वरिष्ठ नेताओं और लगातार जीतने के बावजूद अभी तक मंत्री नहीं बने विधायकों के नाम पर भी विचार किया गया।
गौरतलब है कि भाजपा ने डॉ. मोहन यादव को मुख्यमंत्री तथा उनके साथ ही जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ल को उपमुख्यमंत्री बनाया था। मुख्यमंत्री के साथ दोनों उपमुख्यमंत्री शपथ भी ले चुके हैं और फिलहाल मंत्रिमंडल में सिर्फ तीन मंत्री हैं। रविवार- सोमवार की दरम्यान रात दिल्ली में मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर कौन-कौन मंत्री होंगे, इसी को लेकर चिंतन मनन हुआ। माना जा रहा है कि मोहन यादव मंत्रिमंडल में 30 मंत्री बनाने पर सहमति हुई है। देर रात तक चलती रही यह बैठक भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा के निवास पर हुई। रात 11 बजे के बाद नेता बैठक से बाहर निकले।
इस बैठक में नए मुख्यमंत्री डॉ.मोहन यादव, प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, संगठन महामंत्री हितानंद, उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा और राजेंद्र शुक्ल, केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया, पूर्व केंद्रीय मंत्री प्रह्लाद पटेल, भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय, घोषित मध्य प्रदेश विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र तोमर यहां तक कि विधायक का चुनाव हारे हुए पूर्व केंद्रीय मंत्री फ़ग्गन सिंह कुलस्ते भी शामिल हुए । लेकिन, पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और राजस्थान की बैठक में वसुंधरा राजे को नहीं बुलाया गया। इसके साथ ही छत्तीसगढ़ के मंत्रिमंडल विस्तार को लेकर भी बैठक हुई।

इंदौर से चलते रहे रमेश मेंदोला और तुलसी सिलावट के नाम

गौरतलब है कि रविवार सुबह से ही सिंधिया के में से भाजपा में आए तुलसी सिलावट तथा लंबे समय से मंत्री बनने का इंतजार कर रहे रमेश मेंदोला का नाम जमकर चर्चा में रहा। रमेश मेंदोला इंदौर-दो से विधायक हैं और उन्होंने पूरे प्रदेश में सर्वाधिक मतों से जीत हासिल की है। ऐसा भी पहले भी कर चुके हैं। ध्यान रहे कि मुख्यमंत्री मोहन यादव शनिवार और रविवार सुबह उज्जैन में ही थे। यही से वे कुछ कार्यक्रमों में भाग लेते हुए शाम को दिल्ली पहुंचे।