ढांचा भवन में फांसी के फंदे पर लटके थे पिता-पुत्र डायल हंड्रेड पर मिली थी सूचना, दोनों की हालत में आया सुधार

दैनिक अवंतिका उज्जैन। डायल हंड्रेड पर बुधवार-गुरूवार रात 1 बजे खबर आई कि ढांचा भवन
में चार साल का बालक और पिता रस्सी के फंदे पर लटके है। रात्रि गश्त कर
रहे टीआई टीम के साथ तत्काल पहुंच गये। दोनों की जान बचाने के लिये मकान
का दरवाजा तोड़ा गया। अस्पताल लाने पर सुबह दोनों की हालत में सुधार होना
बताया गया है। चिमनगंज थाना क्षेत्र के ढांचा भवन में रहने वाले आकाश पिता बजरंगदास
बैरागी 35 वर्ष ने दरवाजा बंद करने के बाद नायलोन की रस्सी का फंदा बनाया
और अपने चार साल के बेटे जिगर के गले में डाल दिया। दोनों पंखा लगाने के
एंगल से लटक गये। आकाश की मां संतोषबाई ने आकाश की हरकत देख शोर मचाया
था। आसपास के लोग भी आ गये थे। उन्होने डायल हंड्रेड पर सूचना दी। रात्रि
गश्त कर रहे टीआई आनंद तिवारी तुरंत टीम के साथ ढांचा भवन पहुंचे।
उन्होने खिड़की से दोनों को लटका देखा और पत्थर से दरवाजा तोड़ा। टीम
तत्काल अंदर पहुंची और दोनों को गोद में उठा लिया। आसपास के लोगों ने
फंदा खोला। पुलिस पिता-पुत्र को जिला अस्पताल लेकर पहुंची। जहां आकाश की
हालत गंभीर होना बताई गई। पुत्र जिगर का उपचार शुरू किया गया। डॉक्टरों
ने उसकी सांसे टूटने नहीं दी। कुछ देर में जिगर की हालत सामान्य होने
लगी। पिता को उपचार के लिये आरडी गार्डी मेडिकल कॉलेज भेजा गया। सुबह तक
दोनों की हालत में काफी सुधार आ चुका था। टीआई आनंद तिवारी ने बताया कि
शाम को बालक जिगर पूरी तरह खतरे से बाहर आ चुका था। उसके पिता की स्थिति
भी ठीक थी, लेकिन डॉक्टरों नजर बनाए हुए थे।
पत्नी चली गई थी मायके
बताया जा रहा है कि आकाश और उसकी पत्नी शोभा बैरागी के बीच रात में ­ागड़ा
हुआ था। शोभा कुछ दूरी पर अपने मायके चली गई थी। आकाश उसे वापस बुलाने के
लिये चिल्ला रहा था। आकाश की मां संतोषबाई ने उसे शांत रहने के लिये कहा
था, जिसके बाद गुस्से में आकाश ने दरवाजा बंद कर लिया था। कुछ देर बाद
शोभा अपने मायके वालों के साथ चिमनगंज थाने पति की शिकायत दर्ज कराने भी
पहुंच गई थी, जहां उसे घटना का पता चला।
पांच साल पहले हुआ था विवाह
चार साल के बेटे के साथ फांसी का फंदा गले में डालने वाला आकाश डेंटिस
डॉक्टरों के क्लीनिक पर दांतों की बत्तीसी बनाने का काम करता है। उसका
विवाह पांच साल पहले हुआ था। उनकी एक ही संतान जिगर है। मां संतोषबाई का
कहना था कि दोनों के बीच पारिवारिक बातों को लेकर ­ागड़ा होता रहा है।
काफी सम­ााने का प्रयास किया गया लेकिन विवाद कम नहीं हो रहे थे।
रस्सी के फंदे से लटका मिला कारपेंटर
किशनपुरा में महेन्द्र लोधवाल के मकान की तीसरी मंजिल पर किराए से रहने
वाले कारपेंटर सुनील पिता घासीलाल लोधवाल 48 वर्ष ने रात में रस्सी का
फंदा बनाकर फांसी लगा ली। गुरूवार सुबह जब सुनील का दरवाजा नहीं खुला तो
मकान मालिक देखने पहुंचा। खिड़की से ­ाांकने पर सुनील पंखे पर लटका हुआ
था। मामले की सूचना माधवनगर पुलिस को दी गई। एएसआई सलीम खान मौके पर
पहुंचे और दरवाजा तोड़कर शव उतारा गया। बताया जा रहा है कि सुनील अकेला
रहता था, उसकी शादी नहीं हुई थी। परिवार अलग रहता है। पुलिस ने परिजनों
को सूचना देकर जिला अस्पताल बुलाया। सुनील ने फांसी क्यों लगाई है, इसकी
वजह जांच के बाद सामने आ पायेगी। फिलहाल शव पोस्टमार्टम के बाद परिजनों
को सौंपा गया है।