बिल्डिंग बनकर तैयार, चार साल से खिड़की-दरवाजे लगने का इंतजार। लेट-लतीफी के चलते डिजिटल लायब्रेरी और आडिटोरियम भी अधर में

 

दैनिक अवंतिका(इंदौर) आप मानें या ना मानें, किन्तु हकीकत यह है कि बिल्डिंग तो बनकर तैयार, लेकिन चार साल से चल रहा खिड़की-दरवाजों का इंतजार हो रहा है । हालत यह है कि जिम्मेदारों की लापरवाही एवं उदासीनता के चलते डिजिटल लायब्रेरी और आडिटोरियम भी अधर में लटक गए। इधर, मामला अभी तक टेंडरों में ही उलझा नजर आ रहा है। जी हां, यहां पर चर्चा चल रही है सिरपुर तालाब पर इंटरप्रिटेशन भवन की। इस बिल्डिंग को बने चार बरस बीत गए, लेकिन अभी तक इसमें खिड़की दरवाजे तक नहीं लग पाए। इसी प्रकार, रंगाई-पुताई और इंटीरियर डेकोरेशन होना बाकी है। चूंकि, यही काम नहीं हो पा रहे, इस वजह से डिजिटल लायब्रेरी और आडिटोरियम भी नहीं बन पा रही है।इसके चलते, सिरपुर तालाब घूमने आने वाले लोगों एवं पर्यटकों को जलीय जीव-जंतुओं, पक्षियों और पेड़ पौधों की जानकारी से वंचित रहना पड़ रहा है। महत्वपूर्ण तथ्य यह है कि निगम ने इंटरप्रिटेशन भवन के बाकी के काम के लिए दो बार टेंडर भी आमंत्रित किए, किन्तु तकनीकी गड़बड़ियों के चलते यह मंजूर नहीं हुए और अब तीसरी बार टेंडर की प्रक्रिया चल रही है। चुनाव की वजह से इसका काम रुक गया था, जल्द ही ही यहां डिजिटल लायब्रेरी और आडिटोरियम भी बनेगा। 1 करोड़ 20 लाख की लागत से बना है यह भवन –नगर निगम द्वारा सिरपुर तालाब का सौंदर्याकरण किया जा रहा है। इसके तहत पौधरोपण के साथ आकर्षक उद्यान भी विकसित कर रहा है। चार साल पहले लोगों को जलीय जीव-जंतुओं, पक्षियों और पेड़-पौधों आदि की जानकारी उपलब्ध कराने के उद्देश्य से सन 2019 में इटरप्रिटेशन बिल्डिंग का निर्माण किया गया था। लेकिन अभी तक यहां खिड़की-दरवाजों के ही अते-पते नहीं हैं।