तन की शुद्धि के साथ मन की शुद्धि भी आवश्यक-डॉ. प्रभा दीदी

उज्जैन ।  श्रावक संस्कार शिविर में श्री महावीर तपोभूमि में प्रभा दीदी ने अपने प्रवचन में कहा कि धर्म की प्यास सबको होना चाहिए। जिसको धर्म की प्यास रहेगी उसको संसार रूपी प्यास बुझ जाएगी। अपने गुरुओं को नमन करते हुए तीर्थंकर भगवान मुनि आचार्य उपाध्याय साधु को नित नमन करना चाहिए और उनके बताए मार्ग पर चलना चाहिए ग्रंथों में हर चीज का उल्लेख है आज का दिन उत्तम शौच का दिन है। आज लोभ का त्याग कर हमें निज धर्म के मार्ग पर आगे प्रशस्त होना चाहिए। हमें भगवान की पूजा करने के लिए अपने आप को शुद्ध और स्वच्छ रखने के लिए एक दिन पहले से ही तैयारी करना चाहिए। रात में रात से ही तैयारी करोगे तो भगवान की नित्य नियम की पूजा और ध्यान में अच्छे से मन लगेगा और जिसके अच्छे परिणाम होंगे रात में हमें कैसे सोना चाहिए किस करवट सोना चाहिए किस दिशा में सर होना चाहिए और किस दिशा में पैर होना चाहिए। प्रत्येक चीजों का उल्लेख हमारे प्राचीन ग्रंथों में लिखा है हम उनका अनुक्रमण करते हैं तो अपने जीवन को सार्थक बना सकते हैं आज विज्ञान उन सभी नियमों को मानने लगा है और दीदी ने कहा कि सूर्य में भी मंदिर है जिसका दर्शन राजा चक्रवर्ती ही कर सकते हैं भरत चक्रवर्ती नित्य सूर्य के मंदिरों के दर्शन किया करते थे जीवन में जो कुछ भी होता है वह पुण्य प्रताप एवं पूर्व जन्म में अच्छे कार्य के कारण होता है तभी जाकर हम संसार में अच्छे से रह सकते हैं हम जो चाहते हैं यदि हमें मिलता है तो हम ने पूर्व भव मैं अच्छे कर्म किए होंगे समाज सचिव सचिन कासलीवाल ने बताया कि तपोभूमि में आज श्रावक संस्कार शिविर में नित्य नियम की पूजा के साथ सभी को 1 घंटे का आर्यमान एवं पूरे दिन किसी पर भी गुस्सा नहीं करने का नियम प्रभा दीदी ने सभी को दिलाया गया। शिविर में पर्युषण के चौथे दिन प्रवचन में कहा कि जिस प्रकार हम योग कर कर तन को तंदुरुस्त बनाते हैं, उसी प्रकार हम ध्यान पूजा-अर्चना कर मन को भी शुद्ध बनाएं मन में नकारात्मकता को दूर रखें मन चंगा होगा तो कठौती में गंगा होगी। आज उत्तम शौच धर्म हमें सिखाता है कि हम तन और मन को स्वच्छ रखें और परोपकार का कार्य करते हुए अपने भविष्य को सुधारें पर्यूषण के प्रत्येक दिन के धर्म में अपना एक अलग ही संदेश है जिसने उसे जी लिया उसने संसार को जीत लिया।
सुगंध दशमी के शुभ अवसर रविवार दिनांक 24 सितंबर को सुगंध दशमी के शुभ अवसर पर सभी समाज जन संपूर्ण 16 मंदिरों के दर्शन करने जाते हैं तथा वहां पर धूप खेते समर्पित कहते हैं सभी मंदिरों में विशेष मंडल जी का निर्माण किया जाता है जो विशेष आकर्षण का केंद्र रहते हैं सभी मंदिरों को सुसज्जित किया जाता है। इस बार मंडल जी में चंद्रयान 3 की आकृति भी दिखेगी। आज शनिवार को उत्तम सत्य धर्म की पूजा होगी। शिविर में आज अभिषेक एवं शांति धारा करने का सौभाग्य इंद्रमल जैन को प्राप्त हुआ एवं भोजन के लाभार्थी रहे तेज कुमार अभिषेक कुमार विनायका।