बड़वानी अतिवृष्टि से प्रभावित गांवों का दौरा कर जिला अधिकारी ने ग्रामीणों की सुनी समस्याएं

बड़वानी ।  जिले में विगत दिनों हुई अतिवृष्टि के कारण बड़वानी जिले के नर्मदा तटों से लगे ग्रामों में बाढ़ एवं जल भराव की स्थिति निर्मित हुई है। जिसके कारण ग्रामीण क्षेत्र में जनजीवन अस्त-व्यस्त होकर ग्रामीणजनों की मूल आवश्यकताओं की पूर्ति बाधित हुई है। ग्रामीण जनों के अस्त-व्यस्त जीवन को पुन: सुचारू रूप से संचालित किये जाने हेतु जिला अधिकारी अतिवृष्टि से प्रभावित ग्रामों का दौरा करे एवं ग्रामीणों के बीच जाकर उनकी समस्याओं को सुने तथा उनकी हर संभव मदद करने का प्रयास करे। ग्रामीणों की समस्याओं को दर्ज कर अपना प्रतिवेदन जिला पंचायत सीईओ को भेजे, जिससे कि उसे सरकार को भेजा जाये।
कलेक्टर डॉ. राहुल फटिंग ने उक्त बाते सोमवार को जिला पंचायत सभागृह बड़वानी में आयोजित समय सीमा बैठक के दौरान उक्त बाते कही। इस दौरान कलेक्टर ने कहा कि वे स्वयं एवं सभी जिला अधिकारी निरंतर ग्रामीण क्षेत्रों का भ्रमण करेंगे एवं स्थिति का आकलन कर ग्रामीणजनों की समस्याओं को सुनेंगे। बैठक में जिला पंचायत सीईओ श्री जगदीश कुमार गोमे, अपर कलेक्टर श्री केके मालवीय सहित विभिन्न विभागों के जिला अधिकारी एवं वीसी के माध्यम से खण्ड स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे।
बैठक के दौरान कलेक्टर ने दिये निर्देश
अतिवृष्टि से प्रभावित सभी ग्रामों में स्वास्थ्य विभाग द्वारा मेडिकल कैंप लगाकर सभी ग्रामीणों की जांच एवं उपचार किये जाये। साथ ही आवश्यक दवाईयों का भी वितरण किया जाये। कृषि एवं राजस्व विभाग का अमला अतिवृष्टि एवं बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा कर ग्रामीणजनों की उपस्थिति में किसानों की फसलों का सर्वे कराकर, सर्वे रिपोर्ट प्रस्तुत करे।
अतिवृष्टि से प्रभावित ग्रामों के निरीक्षण के लिए नियुक्त अधिकारी ग्रामों में क्षतिग्रस्त एवं टूटे मकानों, फसल नुकसानी एवं पशुओं तथा घरों में रखे हुए सामान के नुकसान की भी रिपोर्ट प्रस्तुत करे। पीएचई विभाग का जिला स्तरीय एवं मैदानी अमला ग्रामीण क्षेत्रों में हेण्डपंप की मरम्मत एवं क्लोरिनीकरण का कार्य करे। साथ ही ग्रामों में कही पर भी पीने के पानी की समस्या न हो यह सुनिश्चित किया जाये।
ग्रामों में साफ-सफाई एवं टूटे हुए पेड़ों तथा मलबे को हटवाने का कार्य ग्राम पंचायत द्वारा किया जाये। बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के ग्रामीणों को आरबीसी की धारा 6(4) के तहत खाद्य विभाग द्वारा प्रति परिवार 50 किलो नि:शुल्क राशन दिया जाये। पशु चिकित्सा विभाग ग्रामों में पशु चारा की उपलब्धता एवं शिविरों के माध्यम से पशुओं का स्वास्थ्य परीक्षण एवं टीकाकरण करे। अतिवृष्टि से प्रभावित ग्रामों के ग्रामीणों को ग्राम में या ग्राम के नजदीक सुरक्षित स्थान पर रखा गया है, उन ग्रामीणों के लिए भोजन की व्यवस्था ग्राम पंचायत के माध्यम से की जाये। डूब प्रभावित ग्रामों में उखड़े इलेक्ट्रिक पोल एवं टूटे तारों की मरम्मत का कार्य विद्युत विभाग द्वारा शीघ्र अति शीघ्र पूर्ण किया जाये।