सुबह से रात तक घर-घर व 1400 स्थानों पर पंडाल में विराजे श्री गणेश

 

इंदौर। मंगलवार का सूरज अपने साथ सकारात्मकता, उजास और उमंग का प्रकाश लिए आया। गणेश चतुर्थी की रंगत नजर आई। सुबह से ही बाजारों में भक्तों की आवाजाही शुरू हो गई थी। भक्त अपने आराध्य की सुंदर छवि लिए घर आए और शुभ मुहूर्त में गणेशजी की स्थापना की। घर, प्रतिष्ठान, पंडाल, मंदिरों में दिनभर गणेशजी की स्थापना का सिलसिला चलता रहा। भव्य जुलूस के साथ गणेशजी की दिव्य मूर्तियों को भक्त लेकर आए और गाजे-बाजे से भगवान का स्वागत किया। शहर में करीबन 1400 स्थान पर अलग-अलग पंडाल में विघ्न विनाशक गणेश जी की स्थापना की गई। इसके अलावा घर-घर तो विराजे ही श्री गणेश।

कांधे पर उठाकर राजवाड़ा लाए गणेशजी की पालकी

शहर में एक बार फिर होलकरकालीन परंपरा की छटा छा गई। होलकर राजवंश द्वारा स्थापित की जाने वाली पारंपरिक प्रतिमा जूनी इंदौर से राजवाड़ा लाई गई। होलकरकालीन परंपरा का निर्वाहन करते हुए पारंपरिक परिधान पहने कहार गणेशजी की पालकी कांधे पर उठाए राजवाड़ा पहुंचे। मिट्टी से बनी इस मूर्ति को गाजे-बाजे के साथ लाया गया। मंत्रोच्चार के साथ वैदिक पद्धति से गणेशजी की स्थापना की गई। इस मूर्ति की स्थापना आड़ा बाजार में होलकर राजवंश परिवार के वाड़े में की गई।