पहली बार घर से मतदान कर सकेंगे बुजुर्ग और दिव्यांग – भोपाल में कहा चुनाव आयोग ने मप्र में 4 अक्टूबर को आएगी फाइनल वोटर लिस्ट, इस बार 5 हजार पोलिंग बूथ संभालेगी महिलाएं

भोपाल । यहां कुशाभाऊ कन्वेंशन सेंटर में चुनाव आयोग ने चुनाव की तैयारियों के बारे में प्रेस कॉन्फ्रेंस की। मध्यप्रदेश में विधानसभा चुनाव के लिए 4 अक्टूबर को फाइनल वोटर लिस्ट जारी होगी। 11 सितंबर तक इसमें नाम जुड़वाए जा सकते हैं। चुनाव आयोग इस बार वोटिंग में फीमेल पार्टिसिपेशन बढ़ाने पर फोकस कर रहा है। 5 हजार पोलिंग बूथ महिलाएं मैनेज करेगी। यहां सुरक्षाकर्मी भी महिलाएं ही रहेंगी। करीब 50 प्रतिशत से ज्यादा पोलिंग बूथ पर वेब कास्टिंग की जाएगी। सीनियर सिटीजन और दिव्यांगों को घर से मतदान की सुविधा मिलेगी। ऐप से बूथ पर गड़बड़ियों की शिकायत की जा सकेगी।
मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने बताया कि जो कर्मचारी चुनाव ड्यूटी में लगेंगे, वे घर जाकर वोट नहीं कर पाएंगे। उन्हें केंद्र पर ही वोट करना होगा।

बुजुर्ग और दिव्यांगों को घर से वोटिंग की सुविधा

वरिष्ठ नागरिकों के लिए घर से वोट करने की सुविधा दी है। नामांकन के 5 दिन में यदि फॉर्म 12 डी भरेंगे, तो घर से वोटिंग की सुविधा मिलेगी। इसकी वीडियोग्राफी कराई जाएगी, ताकि निष्पक्षता बनी रहे। यही सुविधा दिव्यांगों को भी देने का फैसला किया है।

18 लाख 86 हजार वोटर पहली बार वोट डालेंगे

प्रदेश में कुल 5.52 करोड़ मतदाता हैं। इनमें 2 करोड़ 85 लाख पुरुष, 2 करोड़ 67 लाख महिला वोटर, 1336 ट्रांसजेंडर वोटर हैं। वहीं, 4 लाख 85 हजार दिव्यांग वोटर हैं। 80 साल से ऊपर मतदाताओं की संख्या 7.50 लाख है। वहीं, 100 साल से ज्यादा उम्र वाले 6,180 वोटर हैं। 18 लाख 86 हजार मतदाता पहली बार वोटिंग करेंगे। 75,426 सरकारी कर्मचारी वोटर हैं।

ऐप के जरिए होगी शिकायत

चुनाव आयोग के cVIGIL नाम के मोबाइल ऐप के माध्यम से कोई भी शिकायत कर सकता है। इसके लिए मोबाइल से फोटो या टेक्स्ट मैसेज करना होगा। उसकी लोकेशन कंट्रोल रूम पर देखी जा सकेगी। लोकेशन के आधार पर आसपास मौजूद टीम 15 मिनट में पहुंच जाएगी। प्रलोभन देने लेने की सूचना हो, शराब के लिए पैसे बांटने समेत अन्य शिकायतें इस पर की जा सकती हैं। शिकायतकर्ता का नाम गोपनीय रखा जाएगा।

वन नेशन-वन इलेक्शन पर हम हमेशा तैयार

आयोग ने कहा कि चुनाव आयोग की स्थापना संविधान के आर्टिकल 324 के अनुसार हुई थी। हमारा काम चुनाव समय से पहले डिलीवर करना है। आर्टिकल 882 कहता है कि 5 साल पूरे होने पर चुनाव कराए जाएं। इसी के आर्टिकल 40 में लिखा है कि 6 महीने पहले उसे अनाउंस कर सकते हैं। जो 5 साल का समय है, उसके 6 महीने पहले चुनाव कराए जा सकते हैं। संविधान के अनुसार हम हमेशा चुनाव कराने के लिए तैयार हैं।