भाजपा का आपसी विवाद…आरोप प्रत्यारोप के घेरे में .. नगर विकास पर बना खतरा…

देवास। जिले की नगर परिषद पीपलरावा में सब कुछ ठीक नहीं चल रहा है । दरसल यहाँ 15 पार्षद पाली नगर परिषद पीपलरावां में 10 से अधिक पार्षद विकास कार्य नहीं होने से खफा है ।नगर विकास को लेकर आरोप प्रत्यारोप का दोर जारी जबकि नगर परिषद अध्यक्ष प्रतिनिधि और वर्तमान पार्षद देवनारायण शर्मा ने 1 साल में अनेकों काम होने की लिस्ट बताइ है ।यहाँ अध्यक्ष के कामों से नाखुश 10 पार्षदों ने 53 लख रुपए का पेमेंट गलत तरीके से करने का विरोध भी दर्ज किया है , जबकि नगर परिषद अध्यक्ष का कहना है कि यहां आरोप निराधार जो भी पेमेंट हुवा है वह सर्व सहमति से हुआ है ।यहाँ बता दे की  देवास जिले की मात्र एक नगर परिषद है जो कांग्रेस मुक्त होकर भाजपा की परिषद है ,लेकिन यहाँ  भाजपा के ही पार्षदगण भाजपा के नगर अध्यक्ष से ना खुंश है । और भाजपा के पार्षदों के साथ साथ अन्य पार्षदों अध्यक्ष के खिलाफ फिलहाल मोर्चा खोला दिया है ।

आपसी में आरोप प्रत्यारोप के घेरे में भाजपा

जानकारी अनुसार  पहले नगर पीपलरावा के अनेकों पार्षदों ने प्रेस कान्फ्रेस करके नगर परिषद अध्यक्ष के खिलाफ मोर्चा खोला तो , उधर नगर अध्यक्ष कविता शर्मा ने भी प्रेस कान्फ्रेस करके खिलाफत कर रहे पार्षदों के खिलाफ कई आरोप लगाए ,नगर अध्यक्ष प्रतिनिधि देवनारायण शर्मा ने प्रेस कान्फ्रेस में बताता की 10 पार्षद ने कई विकाश कार्य को रोका है ।

भाजपा का आपसी विवाद, नगर विकास पर बना खतरा…

वही पार्षद और अध्यक्ष के आपसी इस विवाद को लेकर नगर में जन चर्चा चल रही है कि अब। कैसे होगा नगर का विकास इस खींचतान से नगर के विकास में कहीं ना कहीं  यह विवाद विकास कार्य में रोड़ा बनेगा।   जिसका भुगतान नगर की जनता को भुगतना भी पड़ सकता है वही स्वच्छता संरक्षण को लेकर पार्षद द्वारा आपत्ति ली गई वहां कहां तक सही है यह तो नगर में देखने को मिल सकती है की काम कम हुआ है या नहीं। यहाँ आरोप लगाए गए हे की स्वच्छता तक संरक्षण का नाम पर सरकार द्वारा लाखों रुपए खर्च किए जा रहे हैं लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है। इसी को लेकर पार्षद होने परिषद पर बड़ा आरोप लगाया एनजीओ द्वारा सही काम नहीं किया जा रहा है जिसका टेंडर निरस्त है हेतू 10 पार्षदों ने आपत्ती की है ।

आरोपों में कहां तक सच्चाई… यह जांच का विषय ….भाजपा संगठन आखिर क्यों चुप…. 

वही देखने में आता है कि नगर परिषद अध्यक्ष कविता शर्मा ने अपने 5 पार्षदों के साथ प्रेस वार्ता कर सभी आरोपों का जवाब दिया वही विपरीत 10 पार्षदों ने भी अपनी अपनी बात रख कर अध्यक्ष पर कई आरोप लगाए अब देखना है कि इन आरोपों में कहां तक सच्चाई है यह जांच का विषय है वही देखा जाए तो कांग्रेस मुक्त कहने वाले भाजपा के पार्षद एवं अध्यक्ष आपस में उलझते नजर आ रहे हैं कहां तक इससे रख पाएंगे यह तो आने वाला वक्त ही बताएगा वहीं इसी को लेकर भाजपा संगठन का चुप रहना भी जन चर्चा का विषय बना हुआ है

रिपोर्ट विकास त्रिवेदी..