शादियों में बदले परिवेश के साथ बदली परंपराए

सुसनेर। शादी ब्याह के पारिपंरिक रिति रिवाजो से अलग हटकर शादियों में इन दिनों कई नई पंरपराओं ने जन्म ले लिया है। अब विवाह समारोह में टेक्नोलॉजी का उपयोग बढ़ा है। अब लोग देश विदेश में बैठे रिश्तेदारों को लाइव शादी दिखा रहे हैं। जबकि कागज पर छपे कार्ड की जगह डिजीटल वीडियो कार्ड ने ले ली है। पटाखों की जगह कंप्युटराइज्ड इलेक्ट्रिक आतिशबाजी ने ले ली है। इसमें धुआं, प्रदूषण व हादसों का खतरा भी कम नही होता है। शादी के इस सीजन में 24 मई से लेकर 30 जून तक सिर्फ 15 शुभ मुहूर्त ही बचे हैं। इनमें करीब सैकडों शादियों के लिए बाजार तैयार है। शादी विवाह से जुड़े कारोबारियों का दावा है कि बचे हुए इस सीजन में बाजार अच्छा कारोबार करेगा।
हालांकि बेहतर कारोबार की शुरूआत चैत्र नवरात्र से हो चुकी थी। लेकिन अप्रैल माह में शादियों पर ब्रेक लगने से बाजार को रफ्तार थोड़ी धीमी हो गई जबकि इस बार की नवरात्र में 30 फीसदी ज्यादा कारोबार हुआ है शादियों का सीजन 30 अप्रैल से शुरू हो चुका है और 28 जून तक रहेगा। शादियों के सीजन से घर में पेंट,ज्वेलरी,मैरिज गार्डन,साड़ियां, लहंगे चुत्री, रेडीमेड गारमेंटस, फुटवेयर,ग्रीटिंग कार्ड एवं किराना बाजार में कारोबार सबसे ज्यादा होगा।
फोटोग्राफर संजय पंचोली ने बताया कि पहले फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी में बडे बड़े कैमरों में 2000 वाट की हैलोजन लाइटों का उपयोग किया जाता था। अब बड़े बड़े कैमरे से फोटोग्राफी और वीडियोग्राफी का चलन खत्म हो गया है। हैलोजन लाइटों की जगह एलईडी लाइटों ने ले ली है। टेक्नोलॉजी की बदौलत ट्राइपोर्ट से ही तस्वीरें खिंच जाती हैं और वीडियो बन जाते हैं। इसमें लाइट का उपयोग पहले की अपेक्षा काफी कम होता है।ं

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