April 26, 2024

 

 

इंदौर। प्रदेश में ऐसे हजारों केस रहे, जिसमें वकीलों ने फरियादियों को कोर्ट में घुसने नहीं दिया। हाईकोर्ट की जबलपुर मुख्यपीठ, ग्वालियर-इंदौर खंडपीठ सहित 52 जिलों की सभी अदालतों में करीब 40 हजार मामलों में पैरवी नहीं हो पाई। वकीलों ने अर्जेंट मामलों में भी पैरवी नहीं की। इंदौर में एक सीनियर एडवोकेट ने कोर्ट रूम में पहुंचकर पैरवी करनी चाही तो मप्र स्टेट बार काउंसिल ने उन्हें कारण बताओ नोटिस थमाकर तीन दिन में जवाब मांग लिया। वहीं, प्रदेशभर में 92 हजार वकीलों के हड़ताल पर जाने से हाईकोर्ट की ग्वालियर खंडपीठ के जज खासे नाराज हुए। एक कॉमन आदेश में जजों ने कहा कि स्टेट बार चीफ जस्टिस (सीजे) के साथ परामर्श कर समस्या का हल निकाल सकती थी।

तीन माह बाद तारीख देना ठीक नहीं

मध्य प्रदेश स्टेट बर काउंसिल अध्यक्ष एडवोकेट प्रेम सिंह भदोरिया का कहना है कि”केसों में अगली तारीख तीन माह बाद की दी, उससे ये पता चलता है कि वे पक्षकारों का कितना हित चाहते हैं? ये रवैया ठीक नहीं है।”

इसलिए हड़ताल पर हैं वकील

बता दें कि हाईकोर्ट ने अपने अधीनस्थ अदालतों को 25 चिह्नित पुराने प्रकरणों को 3 महीने में निपटाने के आदेश दिए हैं। वकील इसी का विरोध कर रहे हैं।