March 19, 2024

सारंगपुर। हमारी मोगिया, मोध्या, मोंग्या, अनुसूचित जनजाति की श्रेणी में आती हैं। हमें जाति प्रमाण-पत्र जारी करने को लेकर मप्र शासन सामान्य प्रशासन विभाग 19 फरवरी 2016 को समस्त संभागीय आयुक्त एवं समस्त कलेक्टरों को आदेश जारी कर चुका है और उन्हीं आदेशों के बाद मेरे पिता सौदान सिंह एवं भाई सूरज का अनुसूचित जनजाति का जाति प्रमाण-पत्र वर्ष 2019 में तत्कालीन सारंगपुर एसडीएम साहेबलाल सोलंकी द्वारा जारी किए जा चुके है लेकिन वर्तमान में सारंगपुर एसडीएम के द्वारा मेरा और मेरी तरह गांव के अन्य छात्र-छात्राओं का अजजा का जाति प्रमाण-पत्र जारी नहीं किया जा रहा है। जिससें अपना भविष्य खतरे में आ गया है। यह समस्या मंगलवार को कलेक्टर के समक्ष ग्राम पंचायत बुढनपुर सरपंच सौदान सिंह के साथ पहुंची उनकी पुत्री छात्रा किरन मोगिया व अन्य ग्रामीणों ने रखी।
इस दौरान भील-भिलाला समाज के लोगों ने मंगलवार को कलेक्टर को एक ज्ञापन सौंपा, इसमें उन्होंने बताया था कि मोगिया समाज अनुसूचित जनजाति में शामिल है। इसको लेकर कलेक्टर के समक्ष साक्ष्य प्रस्तुत करते हुए कहा कि मप्र शासन सामान्य प्रशासन विभाग के अपर सचिव केके कातिया द्वारा फरवरी 2016 में जारी पत्र के माध्यम से आदेश दिए थे कि अनुसूचित जातियां तथा अनुसूचित जनजातियां आदेश (संशोधन) अधिनियम 2002 जो भारत का राजपत्र दिनांक 8 जनवरी 2003 में प्रकाशित है, उसमें जारी मप्र राज्य के लिए जारी अजजा की सूची के सरल क्रमांक 16 पर गोंड जाति के साथ मोगिया, मोघ्या तथा मोंग्या संपूर्ण प्रदेश के लिए अजजा अधिसूचित है। अजा तथा अजजा आदेश (संशोधन ) अधिनियम 1976 के तहत प्रदेश के लिए जारी अजा की सूची में सरल क्रमांक 39 पर मोघिया जाति अजा अधिसूचित है। इस प्रकार मोगिया अजजा एवं मोघिया अजा दोनों पृथक-पृथम जातियां हैं। भ्रम फैला रहे हैं कि हमारी मोगिया जाति अजजा नहीं है, लेकिन हमारे पास अनुसूचित जनजाति होने की पुख्ता प्रमाण है। जिसे कोई झुठला नहीं सकता है।