April 26, 2024

इंदौर। महात्मा गांधी मेमोरियल मेडिकल कालेज में रैंगिंग की जांच करने के दौरान जब कोई सुराग हाथ नहीं लगा तो इंदौर पुलिस ने इसके लिए एक अलग तरीका अपनाया। एक महिला पुलिसकर्मी शालिनी चौहान से जासूसी करवाते हुए उन्हें मेडिकल कालेज में फ्रैशर स्टूडेंट बनाकर भेजा गया। शालिनी रोज कैंटीन में जाती और वहां मौजूद दूसरे स्टूडेंट से बातचीत करते हुए रैंगिंग के बारे में बात करतीं, धीरे-धीरे उन्होंने उन सभी सीनियर्स के नाम पता कर लिए जो इसमें शामिल हैं। इसके बाद 6 डाक्टरों को गिरफ्तार कर लिया गया। इन सभी पर जूनियर की रैगिंग और तरह-तरह से परेशान करने का आरोप है। आरोपी डाक्टरों ने पीड़ित छात्रों से समझौता कर लिया था। इसी वजह से इनके नाम पता करने के लिए पुलिस ने यह तरीका अपनाना पड़ा।

शालिनी के पिता भी थे पुलिस में

संयोगितागंज थाने में तैनात शालिनी चौहान के पिता भी पुलिसकर्मी थे, 2010 में उनका निधन हो गया था। पिता से प्ररेणा लेकर ही शालिनी पुलिस फोर्स में भर्ती हुईं। वैसे वे कामर्स में ग्रेजुएट हैं, लेकिन इस केस की जांच करने के लिए वो जींस-टाप पहनकर बैग में किताबें रखकर खुद को फ्रेशन स्टूडेंट बतातीं। वो रोज कैंटीन में 5 से 6 घंटे का वक्त बिताती और वहां मौजूद लोगों से बात करती रहती थीं।

पुलिस के पास आई थी गोपनीय शिकायत

मेडिकल छात्रों ने यूजीसी को गोपनीय शिकायत भेजी थी। पुलिस ने 24 जुलाई को अज्ञात आरोपियों पर छह धाराओं में आपराधिक प्रकरण दर्ज कर लिया था। जूनियर छात्रों के कथन लिए तो रैगिंग से मुकर गए। पुलिस ने गोपनीय जानकारी जुटाई तो पता चला कि आरोपी वर्ष 2020-21 के सीनियर छात्र हैं। एफआईआर की भनक लगते ही उन्होंने पीड़ित छात्रों पर दबाव बना दिया। टीम ने सादे कपड़ों में कैंटीन और होस्टल के आसपास बैठक शुरू की। छात्रों से दोस्ती कर होस्टल में होने वाले क्रियाकलापों के बारे में पूछा तो बताया कि रैगिंग की घटना सही है।

पुलिस ने उज्जैन के दो सहित छह डॉक्टरों को किया गिरफ्तार

पुलिस ने सुबूत एकत्र कर शुभांकर पुत्र विकासचंद्र मिश्रा (पश्चिम बंगाल), प्रियम पुत्र प्रमोद त्रिपाठी (भोपाल), देववृत पुत्र राजेश गुप्ता (दतिया), राहुल पुत्र सत्यनारायण पटेल (छिंदवाड़ा), शैलेष पुत्र हरिचरण शर्मा (उज्जैन) और चेतन पुत्र राकेश वर्मा (उज्जैन) को गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, जमानती जुर्म होने पर थाने से जमानत पर रिहा कर दिया। चार आरोपित ऋषिराज, उज्जवल पांडे, रौनक पाटीदार और प्रभातसिंह अभी फरार हैं।