April 26, 2024

उज्जैन। साल की आखिरी खगोलीय घटना चंद्रग्रहण देखने वेधशाला पहुंचे लोगों को मायूस होकर लौटना पड़ा। आसमान में बादल छाने की वजह से आंशिक दिखाई देने वाला चंद्रग्रहण नहीं देखा जा सका।
सूर्य और चंद्रमा के बीच पृथ्वी के आने पर मंगलवार को पूर्ण चंद्रग्रहण की खगोलीय घटना का योग बना था। ग्रहण की शुरूआत दोपहर 2 बजकर 38 मिनिट से हुई थी। भारत के पूर्वी भाग में ही पूर्ण चंद्रग्रहण दिखाई दिया, देश के शेष हिस्सों में आंशिक ग्रहण दिखाई दिया। धार्मिक नगरी उज्जैन में चंद्रोदय का समय 5 बजकर 43 मिनिट का था, जिसके चलते यहां आंशिक ग्रहण 36 मिनिट तक दिखाई देने वाला था, लेकिन बादल छाने की वजह से खगोलीय घटना को नहीं देखा जा सका। जीवाजीराव वेधशाला पर चंद्रग्रहण देखने की व्यवस्था की गई थी। 50 से अधिक लोग खगोलीय घटना का नजारा देखने पहुंचे थे। वेधशाला अधीक्षक डॉ. राजेन्द्र कुमार गुप्त ने बताया ग्रहण देखने के लिये टेलीस्कोप की व्यवस्था भी की गई थी, लेकिन मौसम में बदलाव के चलते बादल छाए हुए थे और चांद दिखाई नहीं दिया। उत्सुकता के साथ पहुंचे लोगों को खगोलीय घटना के संबंध में जानकारी दी गई।
तापमान में मामूली गिरावट
आसमान में छाए बादलों की वजह से मंगलवार को अधिकतम तापमान में मामूली गिरावट दर्ज की गई। अधिकतम तापमान 32.5 डिग्री दर्ज किया गया। सोमवार-मंगलवार रात न्यूनतम तापमान 18.7 डिग्री दर्ज हुआ था। जिस तरह से बादल छाए हुए हैं उससे माना जा रहा है कि 3-4 से चार दिनों में मौसम में काफी बदलाव आ जाएगा।