April 26, 2024

एमवाय अस्पताल में भर्ती मरीजों में 50 से 60 फीसदी को इन जांचों की पड़ती है जरूरत

इंदौर। प्रदेश सरकार मेडिकल कॉलेजों के अस्पतालों में सेंट्रलाइज लेबोरेटरी शुरू करने की योजना पर काम कर रही है, लेकिन तब तक मरीजों को प्राथमिक तौर की जांच सुविधा ही नहीं मिल पा रही है। बड़ा अस्पताल कहलाने वाले एमवाय अस्पताल में एक-डेढ़ महीने से मरीजों की किडनी, लिवर की जांच नहीं हो पा रही है। हैरत की बात यह है कि जिस किट की कमी का हवाला देकर जांच नहीं की जा रही, उस पर सालाना 3 से 4 करोड़ रुपए खर्च हो रहे हैं।

किडनी और लिवर फंक्शन पता कराने के लिए एलएफटी और आरएफटी जांच करवाई जाती है। ये बहुत सामान्य जांचें हैं, जो ज्यादातर डॉक्टर मरीजों की करवाते हैं। कोई मरीज खुद के खर्च पर जांच करवा रहा है तो कोई मददगार ढूंढ रहा है। आयुष्मान योजना के मरीजों की भी यही स्थिति है, जबकि उन्हें तो यह सुविधा नि:शुल्क दी जाना है। इस परेशानी पर अस्पताल से जुड़े जिम्मेदारों का कहना है जांच किट नहीं आ रही हैं।

हर दिन 3000 से ज्यादा मरीज

अस्पताल में रोजाना 3000 मरीजों की आवाजाही है। करीब 1000 मरीज प्रतिदिन भर्ती रहते हैं। कम से कम 500 से 600 मरीज ऐसे हैं, जिन्हें एलएफटी-आरएफटी करवाने की जरूरत पड़ती है।