March 29, 2024

उज्जैन। नवरात्री में गरबा आयोजकों को रात 11 बजे तक का समय दिया गया था, जिसे 2 दिनों के रात 11.30 बजे तक कर दिया गया। बावूजद रविवार-सोमवार रात 1 बजे तक नईपेठ में गरबे का आयोजन किया जा रहा था। थाना प्रभारी बंद करने पहुंची तो आयोजकों ने लाइन अटैच कराने की धमकी दे दी और महिलाओं को भगाने का आरोप लगाने लगे।
शारदीय नवरात्री में माता की आराधना में शहर के कई स्थानों पर गरबों का आयोजन किया जा रहा है, पुलिस प्रशासन ने सुप्रीम कोर्ट की गाइड लाइन अनुसार गरबों का समय रात 11 बजे तक निर्धारित कर रखा था। जिसको लेकर आयोजकों को पहले ही बता दिया गया था। नवरात्रि के शेष बचे 2 दिनों के लिये गरबो का समय आधे घंटे ओर बढ़ा दिया गया। जो रात 12 बजे तक बंद हो रहे है। लेकिन नईपेठ में रविवार-सोमवार रात 1 बजे तक गरबे किये जा रहे है। खाराकुआं थाना प्रभारी लीला सोलंकी मौके पर पहुंची और गरबा बंद करने के लिये कहा। जिसे आयोजक डाबरी पीठा में भी गरबे चलने का हवाला देने लगे। थाना प्रभारी ने निर्धारित समय की बात कहीं और डाबरी पीठा जाने की बात कहीं तो आयोजको ने महिलाओं को भगाने का आरोप लगाते हुए लाइन अटैच कराने की धमकी दे दी। जिस पर थाना प्रभारी सोलंकी ने कहा कि जहां भिजवाना है भेज देना, लेकिन निर्धारित समय पर गरबा बंद करना पड़ेगा। करीब 20 से 25 मिनिट तक आयोजकों और थाना प्रभारी के बीच बहस चलती रही। जिसके बाद मामला शांत हो गया। बताया जा रहा है कि देर रात तक तेज आवाज में गरबा होने पर रहवासियों को परेशानी का सामना करना पड़ा रहा है। जिसके चलते पुलिस के पास शिकायत भी पहुंच रही है। लेकिन कोरोना काल के 2 साल बाद हो रहे गरबों का शहर में ऐसा माहौल बना है कि आयोजक नियमों को भी दरकिनार कर रहे हैं।