April 25, 2024

 

पिता मां- बेटे को ताले में बंद कर चला जाता था, वकीलों की मदद से मिला न्याय

इंदौर। अपनी मां को पिता की कैद से आजाद कराने के लिए 12 साल के एक बच्चे ने वकील के माध्यम से कोर्ट में याचिका दायर की है। कोर्ट ने याचिका स्वीकार करते हुए पुलिस को तत्काल एक्शन लेते हुए महिला को कैद से आजाद कराने और आरोपी की तरफ से मां-बेटे को पांच हजार रुपए गुजारा भत्ता देने के आदेश बुधवार को जारी किए हैं।

एक साल से पत्नी को रखा था ताले में बंद

आरोपी पिछले एक साल से पत्नी (37 वर्ष) से और बेटे (12 वर्ष) को ताले में बंद रखता था। दोनों के साथ आए दिन मारपीट करता था। कहीं बाहर जाने पर पत्नी और बेटे को ताले में बंद कर जाता था। आरोपी की पत्नी सिलाई का काम कर घर का खर्च चलाती है। लेकिन पति दिनभर घर पर बाहर से ताला लगाकर घूमता रहता है। घर पर सिलाई का काम देने आने वालों से विवाद भी करता है और पत्नी व बेटे की आए दिन पिटाई करता था।
आरोपी एरोड्रम रोड पर बांगडदा इलाके के वेंकटेश विहार में रहता है। आठ साल पहले 2014 में इंदौर में ही पारले जी कंपनी में सुपरवाइजर था। यहां आरोपी ने एक हेल्पर को थप्पड़ मार दिया था। अत: उसे नौकरी से निकाल दिया गया था।

दूसरी महिलाओं से संबंध

याचिका में महिला ने पति पर दूसरी महिलाओं से संबंध होने और उनसे मिलने जाने पर बेटे को साथ ले जाने का आरोप भी लगाया। इससे बच्चे के दिमाग पर गलत प्रभाव पड़ रहा था।

कमिश्नर से मिलने के बाद भी एरोड्रम पुलिस ने नहीं की थी कार्रवाई
बच्चे की ओर से याचिका लगाने वाले वकील कृष्ण कुमार कुन्हारे ने बताया कि मार्च 2022 में पीड़िता और उसके बेटे ने कमिश्नर हरी नारायण चारी मिश्र को बताया। इस पर चारी ने डीसीपी को इस मामले में पड़ताल के आदेश दिए। बेटे ने आवेदन में पिता पर अवैध हथियार दिखाने के साथ घर में गैस सिलेंडर से जलाने की धमकी देने का भी आरोप लगाया था। एरोड्रम पुलिस पीड़िता के घर से सिर्फ हथियार लेकर वापस आ गई। लेकिन आरोपी के खिलाफ कोई कार्रवाई नही की।

ऐसे की वकीलों ने मदद

जिला कोर्ट के वकील कृष्ण कुमार कुन्हारे, ईश्वर कुमार प्रजापति ने बताया कि मार्च 2022 में वह लंच करने अपने साथियों के साथ कोर्ट से बाहर आए थे। जहां बच्चा अन्य वकीलों से मदद मांग रहा था। इस दौरान उनकी नजर बच्चे पर पड़ी। पहले उन्होंने आवेदन बनाकर बच्चे को कमिश्नर के पास भेजा। लेकिन पुलिस ने जब कार्रवाई नहीं की तो बच्चा उन्हें ढूंढते हुए कोर्ट आया। यहां पर कृष्ण कुमार और ईश्वर प्रजापति ने जिला बाल विकास अधिकारी से बात कर कोर्ट में याचिका लगाई थी। इस मामले में कलेक्टर को भी एक कॉपी सौंपी गई थी

कोर्ट ने सुनाया आदेश

इस मामले में बच्चे के माध्यम से एक याचिका मजिस्ट्रेट अंकिता त्रिपाठी की कोर्ट में लगाई थी। जहां उसे स्वीकार करते हुए पुलिस को महिला और उसके बेटे को घर में कैद ना करते हुए पूरी सुरक्षा देने को निर्देश दिया।