April 23, 2024

उज्जैन। अनुशासन की पार्टी माने जाने वाली भाजपा और बिखराव के मुहाने पर खड़ी कांग्रेस में नगर निगम चुनाव को लेकर बगावत का सिलसिला थमने का नाम नहीं ले रहा। रविवार को भी भाजपा और कांग्रेस से उम्मीदवारी जताने वाले भावी प्रत्याशियों ने अपने समर्थकों के साथ आरोप-प्रत्यारोप और प्रदर्शन कर अपनी बातें पार्टी के वरिष्ठ नेताओं के सामने रखी।
2022 नगर निगम उज्जैन चुनाव अपने आप में काफी महत्वपूर्ण होने जा रहा है। नगर निगम के इसी 5 साल के कार्यकाल में धार्मिक आस्था के सबसे बड़े सिंहस्थ महाकुंभ आयोजन के कार्यों की आधारशिला रखी जाएगी। निगम चुनाव का आगाज हो चुका है और प्रमुख पार्टी भाजपा-कांग्रेस से 54 वार्डों में पार्टी से पार्षद पद की उम्मीदवारी जताने वालों के नाम चयनित प्रत्याशियों की लिस्ट में नहीं होने से बगावत के स्वर सुनाई दे रहे हैं, जिसके चलते टिकट का चयन करने वाले नेताओं में खलबली मची हुई है। उन्हें अपने ही कार्यकर्ताओं के आरोप-प्रत्यारोप का सामना करना पड़ रहा है। रविवार को वार्ड क्रमांक 53 से भाजपा प्रत्याशी बनाई गई निर्मला करण परमार का वार्ड से उम्मीदवारी जता रहे प्रत्याशियों ने लोक शक्ति कार्यालय पहुंच प्रदर्शन किया। घोषित प्रत्याशी को बाहरी बता कर पिछली बार निर्दलीय पार्टी प्रत्याशी के सामने चुनाव लडऩे की बात कह कर बदलने की मांग रखी गई। ऐसा नहीं होने पर साफ लफ्जो में कहा गया कि पार्टी को इसका खामियाजा भुगतना होगा। अनुशासन की पार्टी के रूप में पहचान बनाने वाली भाजपा में इस बार बगावत खुलकर सामने आ गई है। पार्टी ने विरोध के स्वर मुखर कर रहे अपने कार्यकर्ताओं को मनाने के प्रयास भी शुरू कर दिए हैं लेकिन लग नहीं रहा है कि भाजपा को इसमें कामयाबी मिल पाएगी।